जिनेवा (एएनआई)। कोविड-19 के खिलाफ कोवैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी देने से पहले डब्ल्यूएचओ ने कोवैक्सीन के निर्माता कंपनी से अतिरिक्त जानकारी मांगी थी। डब्ल्यूएचओ को यह जानकारी इस टीके के दुनिया भर में इस्तेमाल के लिए अंतिम रिस्क-बेनिफिट के मूल्यांकन के लिए चाहिए थी।


डब्ल्यूएचओ की इमर्जेंसी यूज लिस्टिंग में शामिल हुई कोवैक्सीन
टेक्निकल अडवाइजरी ग्रुप (टीएजी) फाॅर इमर्जेंसी यूज लिस्टिंग (टीएजी-ईयूएल) की सिफारिश की बाद डब्ल्यूएचओ ने कोवैक्सीन के दुनिया भर में इमर्जेंसी इस्तेमाल की मंजूरी प्रदान कर दी है। टीएजी-ईयूएल एक स्वतंत्र संस्था है जो कोविड-19 वैक्सीन के इमर्जेंसी यूज लिस्ट में शामिल करने के प्रोसीजर को ध्यान में रखकर सिफारिश देती है। इसके साथ ही कोवैक्सीन डब्ल्यूएचओ की इमर्जेंसी यूज लिस्ट में शामिल हो गई है।


कोविड-19 के खिलाफ 77.8 प्रतिशत कामयाब, डेल्टा वैरिएंट पर भी कारगर
सिम्टोमैटिक कोविड-19 के खिलाफ कोवैक्सीन 77.8 प्रतिशत तक प्रभावशाली है। कोरोना वायरस के नये डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कोवैक्सीन 65.2 प्रतिशत तक प्रोटेक्शन प्रदान करती है। भारत बाॅयोटेक ने कहा कि कोवैक्सीन की क्षमता को आंकने के लिए तीन चरणों में ट्रायल किया गया है। इसके आधार पर ही फाइनल एनालिसिस किया गया है।


वैक्सीन से भारतीय नागरिकों को विदेश यात्रा में सहुलियत : डाॅ. जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि डब्ल्यूएचओ के भारत बाॅयोटेक की कोवैक्सीन के कोविड-19 टीके को इमर्जेंसी इस्तेमाल की मंजूरी देने के फैसले से भारतीय नागरिकों को अन्य देशों की यात्रा करने में काफी सहुलियत मिलेगी। यह फैसला वैक्सीन इक्विटी के हित में है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के विजन को वैश्विक मान्यता है।

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