- एलयू प्रशासन ने जिसे हॉस्टल सुधारने की दी थी जिम्मेदारी, उसी को ही कर दिया निष्कासित

LUCKNOW: एलयू प्रशासन ने जिस स्टूडेंट को योग्य और सदाचारी बताकर हॉस्टल कोऑर्डिनेटर कमेटी का सदस्य बनाया था उसे ही अब अशिष्ट व्यवहार करने का आरोप लगाकर निष्कासित कर दिया है। यही नहीं उसके भविष्य में एलयू व संबद्ध कॉलेजों में एडमिशन लेने पर भी रोक लगा दी है।

बनाई गई थी कमेटी

ज्ञात हो कि एलयू को सेंट्रल मेस के संचालन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। बाउंसर्स लगाने के बाद भी जब हालात नहीं सुधरे तो एलयू ने हॉस्टल कोऑर्डिनेट कमेटी का गठन किया था। जिस पर हॉस्टल संचालन की जिम्मेदारी थी। स्टूडेंट लालू कनौजिया को उस कमेटी का सदस्य बनाया गया था। यही लालू अब एलयू के लिए अराजकतत्व बन गया है।

सुविधाओं की मांग की थी

एमए भूगोल विषय का स्टूडेंट लालू कनौजिया हबीबुल्ला हॉस्टल में रहता था। उसे शैक्षिक सत्र 18-19 में हॉस्टल कोआर्डिनेशन कमेटी का सदस्य बनाया गया और उसने 22 फरवरी तक सदस्य के रूप में काम किया। लालू का आरोप है कि उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से दिये गये दायित्वों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभाया। छात्र की समस्याओं और मूलभूत सुविधाओं की मांग करने पर प्राक्टर प्रो। विनोद सिंह की निगाहें उस पर टेढ़ी हो गयीं और उन्होंने पहले उसे गैर जिम्मेदार व्यवहार के आरोप में निलंबित फिर निष्कासित कर दिया।

दोषी साबित हूं तो करायें मुकदमा

लालू ने दावा किया कि उनका पहले भी कभी छात्रों के साथ व्यवहार गलत नहीं रहा और न कभी किसी छात्र से कोई अभद्रता की। कोई भी छात्र या कर्मचारी उन पर आरोप नहीं लगा सकता। जो भी आरोप प्राक्टर ने लगाकर निलम्बित और फिर निष्कासित किया है, उसमें सच्चाई नहीं है। इसके लिए उन्होंने एससी-एसटी आयोग, नई दिल्ली में एलयू की कार्रवाई पर जांच की मांग की है। उनका दावा है कि यदि में दोषी साबित हूं तो यूनिवर्सिटी प्रशासन मुझ पर एफआईआर कराए।

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संस्थान हित नहीं थे कार्य

चीफ प्राक्टर प्रो। विनोद सिंह ने बताया कि लालू कनौजिया को हास्टल कार्डिनेशन कमेटी का सदस्य बनाया गया तो उनका अधिकार क्षेत्र बस मेस तक था। इस पर वह सेंट्रल मेस के ठेकेदार को धमकाने लगा और छात्रों को बरगलाकर संस्था के विरुद्ध काम कर रहे थे। जिस पर पहले निलंबित किया गया और बाद में कमेटी गठित कर सभी की सहमति पर निष्कासन किया गया।