कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। IPL 2020 में शुक्रवार को चेन्नई सुपर किंग्स बनाम सनराइजर्स हैदराबाद के बीच मैच खेला गया। इस मुकाबले में धोनी की सेना को 7 रन से करारी हार मिली। माही को मिली इस हार की वजह कोई बड़ा खिलाड़ी नहीं बल्कि मेरठ का रहने वाला 19 साल का एक लड़का है। नाम है प्रियम गर्ग, हैदराबाद ने गर्ग को इस सीजन के लिए 1.9 करोड़ रुपये में खरीदा था। अभी तक प्रियम को बल्लेबाजी का ज्यादा मौका नहीं मिला मगर जब मिला तो ऐसे बैटिंग की, धोनी भी कुछ नहीं कर पाए। प्रियम ने इस मुकाबले में नाबाद 51 रनों की पारी खेली।
कौन हैं प्रियम गर्ग
मेरठ से 20 किमी दूर परिक्षितगढ़ में जन्में प्रियम गर्ग एक होनहार युवा क्रिकेटर हैं। प्रियम के तीन बहनें और एक भाई है। इसमें सबसे छोटे प्रियम हैं। प्रियम एक मध्यम परिवार से आते हैं। उनके पिता बिजनेसमैन हैं। प्रियम का बचपन काफी आरामदायक नहीं रहा। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण प्रियम कई सुविधाओं से वंचित रहे। मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और तमाम मुश्किलों से लड़ते हुए उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई।
घर पर नहीं था टीवी
प्रियम गर्ग को बचपन से क्रिकेट का शौक नहीं था। वह आम बच्चों की तरह इधर-उधर घूमने और खेलने-कूदने में मन लगाते थे। प्रियम के घर पर टीवी नहीं थी। वह पड़ोस में एक पान की दुकान पर टीवी देखने जाते थे। साल 2011 में एक बार प्रियम के चाचा ने देखा कि वह टीवी पर काफी उत्सुकता से मैच देख रहा है। उस वक्त गर्ग की उम्र 11 साल थी और वह एक-एक बाॅल पर नजर गड़ाए रहता था। उसके बाद घरवालों को लगा कि प्रियम को क्रिकेट का शौक है। ऐसे में वह उसे मेरठ के कोच संजय रस्तोगी के पास ले गए। जिन्होंने गर्ग को एक बेहतरीन बल्लेबाज बना दिया।
पिता ने बेचा अखबार, चलाई स्कूल की गाड़ी
प्रियम गर्ग के पिता नरेश गर्ग ने काफी मुश्किलों से अपने बच्चों को पाला। नरेश एक बिजनेसमैन है। उनको व्यवसाय में काफी घाटा हुआ था, उस वक्त उनकी पत्नी और प्रियम की मां भी दुनिया को अलविदा कह गई थी। ऐसे में घर-परिवार और बच्चों की जिम्मेदारी भी नरेश के कंधो पर आ गई। बिजनेस बंद होने के चलते प्रियम के पिता ने दूध बेचने का काम शुरु किया। वक्त मिलने पर उन्होंने अखबार भी बांटा और स्कूल वैन भी चलाई। हालांकि बाद में मेहनत करते-करते नरेश ने खुद का बिजनेस फिर से खड़ा किया और आज वह स्कूल बस के मालिक हैं। प्रियम की दो बहनें नर्सिंग में डिग्री कंप्लीट कर चुकी हैं। वहीं एक बहन सिविल सर्विस एग्जाॅम की तैयारी कर रही है।
गेंदबाज से बने बल्लेबाज
प्रियम गर्ग मेरठ से आते हैं, इस जमीन पर अभी तक तेज गेंदबाज ही निकले हैं। प्रवीण कुमार से लेकर भुवनेश्वर कुमार और मौजूदा वक्त में दीपक चाहर ये सभी तेज गेंदबाज मेरठ की जमीन पर ही पले-बढ़े हैं। इस बीच प्रियम गर्ग ने जब क्रिकेट की एबीसीडी सीखनी शुरु की तो उनका भी मन तेज गेंदबाज बनने का था मगर उनके कोच संजय रस्तोगी ने देखा कि प्रियम एक बेहतरीन बल्लेबाज बन सकते हैं और उन्होंने फिर उसी दिशा में काम करना शुुरु किया।
वर्ल्डकप टीम से हुए बाहर, फिर बने कप्तान
प्रियम गर्ग ने काफी कम समय में एक-एक शाॅट मारना सीख लिया था। उन्हें उम्मीद थी कि वह 2018 में भारत की अंडर-19 वर्ल्डकप टीम में सलेक्ट किया जाएगा। मगर ऐसा नहीं हुआ। उस वक्त प्रियम की उम्र 16 साल थी मगर परफाॅर्मेंस बेहतर न हो पाने के कारण उनका सलेक्शन नहीं हो पाया। इस बात ने गर्ग को काफी निराश किया मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दो साल बाद अंडर-19 वर्ल्डकप टीम में इंट्री मारी। 2020 U-19 वर्ल्डकप में प्रियम ने टीम इंडिया की कप्तानी की। हालांकि वह टीम को चैंपियन नहीं बना पाए मगर उन्होंने अपनी परफाॅर्मेंस से सबका दिल जरूर जीत लिया।
आईपीएल में जड़ी पहली फिफ्टी
सनराइजर्स हैदराबाद की जीत में युवा खिलाड़ी प्रियम गर्ग का अहम योगदान रहा। दाएं हाथ के बल्लेबाज प्रियम ने 26 गेंदों में 51 रन की पारी खेली। यह गर्ग की पहली आईपीएल फिफ्टी है। प्रियम ने एक और युवा खिलाड़ी अभिषेक शर्मा के साथ मिलकर सनराइजर्स को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया और टीम की जीत के हीरो बने।