जिनेवा (एएनआई)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने विकसित बहु-देश प्रकोप के सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रभावों का आकलन करने के लिए मंकीपॉक्स आपातकालीन समिति का पुनर्गठन किया है। डब्ल्यूएचओ ने ऐसा फैसला तब लिया जब दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मामले 14,000 से अधिक हो गए है। छह देशों ने पिछले सप्ताह अपने पहले मामलों की रिपोर्ट की। समिति की पहली बैठक पिछले महीने हुई थी लेकिन बैठक ने इसे अंतरराष्ट्रीय चिंता घोषित कर सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने का फैसला किया है।

क्या काम करता है और क्या नहीं

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रियस ने इस बीमारी से फैली जागरूकता को स्वीकार किया कि बीमारी को रोकने के लिए समिति प्रयास में लगी है। घेब्रियस ने कहा कि समिति ने पहले ही इस बीमारी प्रकोप की गतिशीलता को चित्रित करने में मदद की है। जैसा कि प्रकोप विकसित होता है, विभिन्न सेटिंग्स में सार्वजनिक स्वास्थ्य की प्रभावशीलता का आकलन करना महत्वपूर्ण है, यह बेहतर ढंग से समझने के लिए कि क्या काम करता है, और क्या नहीं।

एक वायरल बीमारी है मंकीपॉक्स

मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है। यह बीमारी मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के वर्षावन क्षेत्रों में होती है, हालांकि यह अन्य देशों में भी फैल गयी है। इस साल सभी छह डब्ल्यूएचओ क्षेत्रों से 71 सदस्य राज्यों में 14,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। टेड्रोस ने खुलासा किया कि पिछले सप्ताह छह देशों ने अपने पहले मामले दर्ज किए है। यह संचरण पैटर्न लक्षित सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेपों को लागू करने के अवसर और एक चुनौती दोनों का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि कुछ देशों में समुदायों को जीवन के लिए खतरनाक भेदभाव का सामना करना पड़ता है।

जितनी ज्यादा जानकारी उतनी ज्यादा सुरक्षा

टेड्रोस ने कहा कि मंकीपॉक्स के जोखिम वाले लोगों के पास जितनी अधिक जानकारी होगी, वे उतना ही अपनी रक्षा करने में सक्षम होंगे। दुर्भाग्य से पश्चिम और मध्य अफ्रीका के देशों पास डब्ल्यूएचओ द्वारा साझा की गई जानकारी अभी भी बहुत कम है। उन क्षेत्रों में महामारी को लेकर इतनी जानकारी नहीं जिससे वह अपना बचाव कर सकें।

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