सियासत : आमने सामने आए अतुल प्रधान और संगीत सोम
आखिर कौन बनेगा जिले का बॉस?
- 2012 विधानसभा चुनावों से है राजनीतिक टकराव
- जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव से जुड़ी दोनों की साख
Meerut : भले ही जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में कुलविंद्र गुर्जर और सीमा प्रधान नाम के दो प्रत्याशी आमने-सामने हों, लेकिन असली लड़ाई उन दो लोगों की है, जिसमें आज तय हो जाएगा कि जिले का ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों का असली बॉस कौन होगा? सपा नेता अतुल प्रधान और भाजपा विधायक संगीत सोम प्रत्यक्ष रूप सामने आ चुके हैं। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के रणक्षेत्र से बाकी मोहरे या तो किनारे हो गए हैं या फिर किनारे कर दिए गए हैं।
दोनों के साख का मुद्दा
पिछले कुछ दिनों से जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जिस तरह से गुजरा है, उससे साबित हो गया है कि अतुल और संगीत सोम इस बाजी को अपने हाथों से बिल्कुल भी नहीं जाने देना चाहते हैं। सीमा के पति और सीएम के खास अतुल प्रधान जब अपनी पत्नी का नॉमिनेशन कराने लेकर आए था तो वह अपने साथ 20 मेंबर्स साथ लाने का दावा किया था। वहीं संगीत सोम कहा था कि भाजपा के समीकरणों को प्रदेश के सीएम भी चेंज नहीं कर सकते हैं। वहीं भाजपा नेताओं में अभी तक कुलविंद्र के साथ सबसे ज्यादा और नजदीक नजर आए वो संगीत सोम ही हैं। संगीत सोम अतुल के खिलाफ सीडी बम फोड़ने का भी दावा कर चुके हैं।
पिछले चार सालों से टकराव
अतुल प्रधान और संगीत सोम का राजनीतिक सफर लगभग एक साथ ही शुरू हुआ। दोनों ने सरधना विधानसभा सीट से एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा। जिसमें अतुल प्रधान की हार हुई। तब से लेकर अब तक दोनों में कुछ खास नहीं बनी है। दोनों ही एक दूसरे के खिलाफ तलवारें खींचे हुए ही नजर आए। एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी का दौर काफी दिनों से चल रहा है। लेकिन इस बात का आइडिया किसी को भी नहीं था कि दोनों की राइवलरी विधानसभा चुनावों से जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव तक पहुंच जाएगी।
दोनों की 'बॉस' बनने की चाहत
संगीत सोम और अतुल प्रधान दोनों जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के सहारे 'बॉस' बनने की चाहत रख रहे हैं। दरअसल, सपा और भाजपा मेरठ के साथ पूरे वेस्ट यूपी के लिए एक नया चेहरा तलाश कर रही है। जो पब्लिक के बीच पॉपुलर होने के साथ यंग और भीड़ जुटाने में सक्षम हो। जानकारों की मानें तो दोनों ही पार्टियों ने अपने बूढ़े शेरों को पिंजरे में डालने का मन बना लिया है। आगामी चुनावों में नए चेहरों को साथ लेकर चलने की योजना है। इसलिए अतुल और संगीत सोम के लिए ये चुनाव के किसी बड़ी परीक्षा से कम नहीं है।
इस चुनाव में मेरा कोई राजनीतिक रसूख नहीं जुड़ा हुआ है। ये पार्टी का चुनाव है और पार्टी जीतने के लिए ही लड़ती है। हम जरूर जीतेंगे। रही बात मेरी और अतुल की तो मैं एक जनप्रतिनिधि हूं और वो हारा हुआ तीसरे नंबर का प्रत्याशी।
- संगीत सोम, विधायक सरधना