मुंबई (सोनिल)। अक्षय कुमार की मूवीज को मिल रही सक्सेस को देखकर कहा जा रहा है कि बॉक्स-ऑफिस फॉर्मूला उनके हाथ लग गया है। हालांकि, उनकी मूवीज को देखकर ऐसा नहीं लगता क्योंकि उनमें 'केसरी' जैसी हिस्टॉरिकल' और 'मिशन मंगल' जैसी साइंस-फिक्शन शामिल हैं। वह आज भी रेलेवेंट बने हुए हैं और यंग एक्टर्स को टफ फाइट दे रहे हैं। अपनी 'खिलाड़ी कुमार' वाली इमेज को तोड़ने की कोशिश वाले अपने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा, 'रीइनवेंट करने में मजा आता है। मैं बहुत जल्दी बोर हो जाता हूं। यह मैंने अपने करियर की शुरुआत में ही सीख लिया था, जब मैं सिर्फ एक्शन मूवीज करता था। फिल्ममेकर्स मुझे और कुछ ऑफर ही नहीं कर रहे थे।'

अपनी इमेज बदलने में आता है बहुत मजा

किस्मत पलटने का किस्सा सुनाते हुए उन्होंने कहा, 'फॉरच्युनेटली, 'हेरा फेरी' (2000) ने चीजें बदल दीं और तब से मैं अलग-अलग जॉनर को एक्सप्लोर कर रहा हूं। मैं एक लालची एक्टर हूं। अगर मैं लगातार अपनी इमेज बदल रहा हूं। तो यह इसलिए है क्योंकि मैं इसे एंज्वॉय कर रहा हूं। मैं कोई एग्जाम्पल सेट करने के लिए ऐसा नहीं कर रहा।' 2019 में चार रिलीज के बाद वह अगले साल 'सूर्यवंशी', 'लक्ष्मी बॉम्ब', 'पृथ्वीराज' और 'बच्चन पांडे' में बिजी दिखेंगे। उनके मुताबिक, 'एक्शन से लेकर हॉरर और कॉमेडी से लेकर रोमांस, मैं खुशनसीब हूं कि मुझे ऐसी मूवीज मिली हैं।

सेंसिटिव था सब्जेक्ट इसलिए थे केयरफुल

2020 में कदम रखने से पहले वह 'गुड न्यूज' मूवी में एक बार फिर करीना कपूर खान के साथ नजर आने वाले हैं। यह फिल्म 'आईवीएफ' जैसे सेंसिटिव मुद्दे पर कॉमेडी के जरिए बात करती है। अक्षय ने बताया, 'हम इसे लेकर उतने ही केयरफुल थे जितने 'टॉयलेट: एक प्रेम कथा' के वक्त थे लेकिन जो इंसिडेंट (स्पर्म मिक्स-अप) हम दिखा रहे हैं वह रियल लाइफ में भी हुआ है। 'आईवीएफ' एक अहम सब्जेक्ट है खासकर उन फैमिलीज के लिए जिनके बच्चे नहीं हो सकते। वे वर्किंग वुमेन, जिन्हें लगा था कि उन्हें अपना करियर छोडना पड़ेगा क्योंकि वक्त निकला जा रहा है, उन्होंने राहत की सांस ली क्योंकि उनके पास अब एक ऑप्शन है। इस टेक्नोलॉजी से आठ मिलियन बच्चे जन्म ले चुके हैं।'

sonil.dedhia@mid-day.com

Bollywood News inextlive from Bollywood News Desk