- मीडिया के सवालों से झल्लाए मुख्यमंत्री, बिना जवाब दिए लौटे

- कन्नौज की तर्ज पर बिजली व अन्य सुविधाओं से जुड़े सवाल पूछने पर झुंझलाए सीएम

- यूपी की बदहाल कानून-व्यवस्था से जुड़े सवालों को भी किया नजरअंदाज

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KANPUR : भीषण बिजली कटौती हो या बेकाबू कानून-व्यवस्था। कानपुर समेत पूरे उत्तर प्रदेश की जनता को फिलहाल इन दुश्वारियों से निजात मिलती नजर नहीं आ रही है। सूबे के मुखिया तक इन मुद्दों से जुड़े सवालों से कन्नी काटने लगे हैं। थर्सडे को पुलिस लाइन हैलीपैड पर कुछ ऐसा ही मंजर सामने आया। सीएम अखिलेश यादव से जब मीडिया ने बिजली कटौती और बिगड़ती कानून-व्यवस्था से जुड़े सवाल पूछना शुरू किए तो झुंझलाहट में सीएम ने जवाब देना मुनासिब नहीं समझा। बल्कि, तमतमाते हुए वापस लखनऊ रवाना हो गए। हालांकि, सीएम के इस रवैये पर भी एक सवाल उठता है कि आखिर सीएम को इतना गुस्सा क्यों आता है? या उन्हें सूबे में बिगड़ती कानून-व्यवस्था और जनता का दर्द दिखाई ही नहीं दे रहा है? या फिर उन्हें पब्लिक से कोई लेना-देना ही नहीं है?

एक घंटे देरी से

शहीद आलोक साहू के घर से मुख्यमंत्री एक निजी मांगलिक समारोह में शरीक होने स्वरूप नगर पहुंचे। उन्हें दोपहर करीब क्.ख्0 बजे पुलिस लाइन हैलीपैड से लखनऊ वापस लौटना था। मगर, वह करीब एक घंटा देरी से पुलिस लाइन पहुंचे। यहां पहले से ही प्रेस कांफ्रेंस प्रस्तावित थी। करीब सवा दो बजे मुख्यमंत्री का काफिला पुलिस लाइन पहुंचा। सीएम की एसयूवी मीडिया ब्रीफिंग के लिए तैयार टेंट के नजदीक आकर रुकी। सीएम उतरे और फिर शुरू हुआ प्रेस कांफ्रेंस का सिलसिला

जवाब पर बदला ट्रैक

प्रेस कांफ्रेंस की शुरुआत होने पर सीएम ने सबसे पहले मीडिया को शुक्रिया कहा। बोले, शहीद आलोक साहू के बारे में जानकारी आपने दी। यह बात हमारी जानकारी में नहीं आई थी, अगर आपने पहले बताया होता तो ऐसा नहीं होता। इस पर रिपोर्टर्स ने जब यह कहा कि ऐसी जानकारी देना प्रशासन या पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है। जिस वक्त सिंधुरक्षक हादसा हुआ था, उस वक्त आलोक साहू की शहादत की खबरें सभी अखबारों में सुर्खियों के साथ छपी थीं। इतना सुनते ही सीएम ने ट्रैक ही बदल दिया।

कानून-व्यवस्था का सवाल नजरअंदाज

इससे पहले सीएम कुछ बोलते एक रिपोर्टर ने सवाल दागा कि मुख्यमंत्री जी यूएन के जनरल सेक्रेटरी बान की मून ने भी बदायूं कांड की भ‌र्त्सना की है। साथ ही आरोपियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। इस पर आपका क्या कहना है? इस सवाल का जवाब देने के बजाय अखिलेश यादव व‌र्ल्ड एनवायरमेंट-डे का जिक्र करने लगे। बोले, आज विश्व पर्यावरण दिवस है। यहां से पहले कन्नौज जाकर प्लांटेशन किया है।

फिर दिखा झुंझलाहट और गुस्सा

सीएम आगे बोलते इससे पहले ही एक रिपोर्टर ने फिर सवाल पूछा कि सारी छांव कन्नौज में, बिजली भी कन्नौज में कानपुर से सौतेला व्यवहार क्यों? यह सवाल पूछते ही सीएम का पारा सातवें आसमान पर। गुस्से और झुंझलाहट में रिपोर्टर की तरफ देखा। जवाब देना मुनासिब नहीं समझा और धन्यवाद कहकर हैलीकॉप्टर की तरफ चल पड़े

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कार्यकर्ताओं का आरोप, पुलिस ने दिया धक्का

जैसे ही सीएम ने मीडिया के सवालों का जवाब देना शुरू किया। हैलीपैड के गेट पर पार्टी के सचिव रितेश सोनकर अन्य कार्यकर्ताओं के साथ गेट के अंदर घुसने लगे। रितेश का आरोप है कि गेट पर तैनात पुलिस वालों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की। जिस वजह से उनकी कोहनी में चोट आई और खून निकलने लगा।

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जाते-जाते पढ़ाया अनुशासन का पाठ

मीडिया के सवालों से तमतमाए सीएम जैसे ही हैलीकॉप्टर की तरफ मुड़े, पीछे से सपा के नेता व अन्य कार्यकर्ता मुख्यमंत्री से मिलने उनके पीछे-पीछे दौड़ पड़े, इससे पहले सुरक्षा कर्मी कुछ कहते सीएम उनको अनुशासन का पाठ पढ़ाने लगे। कहा-तुम लोग अनुशासन में क्यों नहीं रहते। इस पर कार्यकर्ता बोला कि सर पिछली बार भी आप आये थे तो हम लोग किनारे बैठे थे। तो सीएम बोले कि सिक्योरिटी का घेरा है। उसे तोड़कर आने से पहले सोचना चाहिए था, आगे से ऐसी गलती न हो।

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जब कमिश्नर की एंट्री एसएसपी ने कराई

सीएम से मिलने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं का जमावड़ा पुलिस हैलीपैड गेट पर लगा था। इसी बीच सीएम की फ्लीट वहां पहुंची। एडीएम सिटी के बाद डीएम-एसएसपी की गाड़ी भी अंदर पहुंच गई। पीछे से कमिश्नर की कार पहुंची। मगर, भीड़ की वजह से कुछ देर के लिए रुकना पड़ा। इस पर कमिश्नर उतरकर पैदल ही गेट के अंदर घुसने लगे। मगर, गेट पर खड़े पुलिसकर्मी उन्हें पहचान नहीं सके और अंदर आने से रोक दिया। तभी एसएसपी अजय मिश्रा की नजर उन पर पड़ी। उन्होंने फौरन गेट पर खड़े सिपाहियों को हड़काया और कमिश्नर की एंट्री करवाई।