संप्रेक्षण गृह की शिफ्टिंग का मामला

सवालों में सरकार

-जुवेनाइल जस्टिस कमेटी की बैठक में गूंजा शिफ्टिंग प्रकरण

-हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में हुई कमेटी की बैठक

-अधीक्षक की तैनाती ने होने पर कमेटी ने किया सवाल

आई एक्सक्लूसिव

अखिल दीक्षित

Meerut: हाईकोर्ट की लखनऊ स्थित खंडपीठ में शनिवार को जुवेनाइल जस्टिस कमेटी ने सरकार की जमकर क्लास ली। सूबे के विभिन्न संप्रेषण गृहों की निरीक्षण रिपोर्ट पर चर्चा हुई तो मेरठ के संप्रेषण गृह की शिफ्टिंग पर सवाल किया गया। कमेटी ने पूछा कि आखिर संप्रेषण गृह को ग्राउंड फ्लोर पर कब शिफ्ट किया जाएगा। कमेटी ने संप्रेषण गृह अधीक्षक की स्थायी तैनाती पर भी सवाल किया है।

आए दिन क्यों हो रहे बवाल?

जुवेनाइल जस्टिस कमेटी के समक्ष पिछले दिनों जस्टिस सुधीर कुमार सक्सेना द्वारा संप्रेषण गृह की जांच रिपोर्ट को रखा गया। कमेटी ने सरकार से सवाल किया कि मेरठ में संप्रेषण गृह में आए दिन बवाल क्यों हो रहे हैं? और इन्हें रोकने के लिए प्रभावी कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे हैं? कमेठी ने सूरजकुंड स्थित राजकीय संप्रेषण गृह को ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट करने के संबंध में सवाल किया कि आखिर संप्रेषण गृह को दो मंजिला से ग्राउंड फ्लोर पर अभी तक क्यों शिफ्ट नहीं किया गया? कमेटी ने गत दिनों हुए घटनाक्रमों के बाद क्षतिग्रस्त हुए संप्रेषण गृह और बाल सदन के मेंटीनेंस के बारे में पूछा तो वहीं अपडेटेड फंड रिलीज करने की स्थिति की जानकारी बाल कल्याण विभाग से ली। संप्रेषण गृह के स्थायी अधीक्षक की तैनाती पर भी कमेटी ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया।

34 सदस्यीय है जेजे कमेटी

इलाहाबाद हाईकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी 34 सदस्यीय है। कमेटी सूबे के सभी जुवेनाइल सेल में हो रही एक्टीविटीज पर नजर रखती है तो बाल एवं किशोर संरक्षण की दिशा में कड़े फैसले भी लेती है। कमेटी के निर्देशों पर ही सूबे के सभी जुवेनाइल सेल में अपग्रेडेशन एक्टीविटीज फॉलो होती हैं। 2 जुलाई को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के डायनिंग हॉल में आयोजित बैठक में महिला वेलफेयर की प्रमुख सचिव रेणुका कुमार, फाइनेंस विभाग की सचिव कामिनी रतन, गृह विभाग की विशेष सचिव मिनिस्थी एस, आईजी क्राइम आरके स्वर्णकार समेत विभिन्न विभागों के 34 सदस्य मौजूद थे। कमेटी में पांच एनजीओ और कन्सल्टेंट भी शामिल हैं।

ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट होंगे

जुवेनाइल जस्टिस कमेटी (जेजेसी) की बैठक के बाद मेरठ प्रशासन ने जुवेनाइल सेल को एक बार फिर सूरजकुंड स्थित इमारत में ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट करने की कवायद शुरू कर दी है। डीपीओ आशुतोष सिंह ने बताया कि फिलहाल संप्रेषण गृह को दो ग्राउंड फ्लोर पर लाने की कवायद शुरू हो रही है। बता दें कि शिफ्टिंग के लिए करीब 60 लाख रुपये का इस्टीमेट प्रोवेशन विभाग पहले ही बनवा चुका था। लगातार हो रही घटनाओं के बाद एकाएक जुवेनाइल सेल को सूरजकुंड से शिफ्ट करने की कवायद के बाद यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी।

संप्रेषण गृह को ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। कार्ययोजना बना ली गई है। शासन का निर्देश मिलते ही ग्राउंड फ्लोर पर मेंटीनेंस का काम शुरू करा दिया जाएगा।

आशुतोष सिंह, डीपीओ, मेरठ

कहां गए अधीक्षक?

सूत्रों ने बताया कि सूरजकुंड स्थित राजकीय संप्रेषण गृह के प्रभारी अधीक्षक मिथलेश सिंह बिना बताए गायब हैं। 13 जून को सूचना आयोग में एक पेशी पर गए प्रभारी अधीक्षक अभी तक वापस नहीं आए हैं और न ही अधिकारियों को अपनी गैर-मौजूदगी के बाबत जानकारी दी है।