- पटना हाईकोर्ट ने गौरीचक में डंपिंग यार्ड बनाने को लेकर निगम को लगाया फटकार

- हाईकोर्ट ने कहा कि खुद गंदगी वाली जगह पर क्यों नहीं रहते हैं निगम कमिश्नर

PATNA : अब तक अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट नगर निगम की कार्य की शैली पर कड़ा विरोध जताता रहा है और कहता रहा है कि अगर नगर निगम काम नहीं कर रहा है तो उसे भंग कर दिया जाना चाहिए। इस सवाल पर विरोधी खेमा जमकर विरोध कर रहा है, लेकिन इसी बीच गुरुवार को पटना हाईकोर्ट ने गौरीचक एरिया को डंपिंग यार्ड बनाने को लेकर पटना नगर निगम की जमकर फटकार लगायी और कह दिया कि अगर यही हाल रहा और नगर निगम इसी तरह से काम करता रही तो फिर नगर निगम की जरूरत ही क्या है। हाईकोर्ट के इस कमेंट के बाद एक बार फिर सवालिया निशान खड़ा हो गया है कि आखिर नगर निगम दो सालों से लगातार विवाद में क्यों चल रहा है। काम के नाम पर अब तक बराबर सवालों के घेरे में ही आता रहा है। इस बार अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट और पटना हाईकोर्ट ने नगर निगम के वजूद पर ही सवाल खड़ा कर दिया है।

जलजमाव, कचरा और डेंगू तक में लगी फटकार

पिछले दो महीने में नगर निगम जितना सड़क पर रहा है उससे अधिक कटघरे में खड़ा रहा है। क्योंकि बारिश के दौरान जलजमाव होने की वजह से राजेंद्र नगर एरिया पूरी तरह से डूब चुका था। पानी निकासी को लेकर हाईकोर्ट की फटकार लगती रही तब जाकर पानी को निकाला गया है। इसके अलावा डेंगू को लेकर भी मामला इतना बढ़ा और फॉगिंग नहीं कराने को लेकर भी इन पर सवाल उठता रहा है और अब शहर के विभिन्न एरिया को डंपिंग यार्ड बनाने पर भी फटकार लगी है। पटना हाईकोर्ट ने गौरीचक एरिया को डंपिंग यार्ड बनाने को लेकर भी शुक्रवार को पटना कमिश्नर को बुलाया है।