-नालों पर हुए अतिक्रमण हटाए जाएं

-पालिथिन में कूड़ा फेंकने वालों पर होगी कार्रवाई

ALLAHABAD: पॉलीथिन के इस्तेमाल पर पाबंदी लग चुकी है। इसके बाद भी शहर में इसका इस्तेमाल कैसे हो रहा है। पॉलिथिन में कूड़ा भरकर फेंकने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। यह गंभीर मामला है और इसे किसी भी कीमत पर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे मामलों में अधिकारी सख्ती से पेश आएं और कड़ाई से निबटें। यह कहना है हाइ कोर्ट का। कोर्ट ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। कोर्ट की मंशा हरिद्वार की तर्ज पर ही संगम क्षेत्र को पालीथिन मुक्त कराने की है जिसके लिए वह पूर्व में आदेश पारित कर चुका है और राज्य सरकार भी इसके लिए शासनादेश जारी कर चुकी है।

नगर निगम उदासीन क्यों?

इलाहाबाद शहर की सफाई व्यवस्था, कचरा प्रबंधन और गंगा की सफाई आदि मुद्दों को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस डा। डीवाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने अधिकारियों की उदासीनता पर भी सवाल खड़े किए। यह याचिका अशोक कुमार व अन्य की ओर से दाखिल की गई है। कोर्ट ने विशेष तौर पर नगर निगम को आड़े हाथों लिया, हालांकि राज्य सरकार को उसके लिए संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। कोर्ट ने नगर आयुक्त को निर्देश दिया है कि वह डीएम व एसएसपी के सहयोग से सड़कों पर अथवा सार्वजनिक स्थलों पर पालिथिन में कूड़ा फेंकने वालों पर सख्त कार्रवाई करें। यह निर्देश भी दिया गया कि शहर में जलभराव की समस्या का निदान किया जाए। नालों पर अतिक्रमण को तत्काल हटाने के लिए कहा गया है। डीएम व एसएसपी को इसके लिए नगर निगम को पर्याप्त पुलिस फोर्स मुहैया कराने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने उन नगर निगम कर्मचारियों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाने को कहा है जो सड़कों पर कूड़ा जलाते पाए जाएंगे।

नर्सिग होम्स का सर्वे करें

उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी अदालत ने निर्देश दिया है कि वह अस्पतालों व नर्सिग होमों की चेकिंग सर्वे रिपोर्ट कोर्ट को प्रस्तुत करे कि अस्पताल व नर्सिग होम बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण कैसे व कहां कर रहे। इसी प्रकार की सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश सीएमओ को भी दिया गया है। हाईकोर्ट शहर में सफाई व्यवस्था ठीक कराने को लेकर वार्डवार कमेटी बनाने को कहा है जो अपनी रिपोर्ट नगर आयुक्त को देगी। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि शहर के फल व सब्जी विक्रेताओं पर भी कड़ी नजर रखी जाए ताकि वे कूड़ों को सड़क पर न फेंके। कहा गया है कि फल व सब्जी विक्रेता अपने दुकानों के पास टोकरी रखे और ग्राहकों को भी उसी टोकरी में कूड़ा डालने को कहे। कोर्ट इस जनहित याचिका पर ख्7 अगस्त क्भ् को अगली सुनवाई करेगी।

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नगर निगम को निर्देश

-फ्लाइंग स्क्वाड का गठन किया जाए

-प्रतिदिन सभी अस्सी वार्ड का कूड़ा हटाया जाए

-जोनल आफिसर के उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जाए

-जोन के आधार पर बनाई जाए सिटीजन कमेटी

-प्रत्येक वार्ड में हो कूड़ा उठाने की मशीन, दरवाजे-दरवाजे से हटे कूड़ा

-कूड़ा गाडि़यों में लगाया जाए जीपीआरएस सिस्टम