- पिछले 15 दिन से सिटी में लग रहा है चुनावी जाम

- कभी जनसभा तो कभी रोड शो ने रोकी जनता की राह

- आम दिनों में भी लगता है जाम, चुनाव ने बढ़ाई परेशानी

- मेन रोड से लेकर गलियों में भी लग रही वाहनों की कतार

Meerut: आखिर मेरठ की जनता को किस जुर्म की सजा मिल रही है। पहले ही सिटी की तमाम सड़कें पाइप लाइन डालने के लिए खोदी जा चुकी हैं। अब चुनावी माहौल में स्थिति बद से बदतर हो गई है। बात पिछले पंद्रह दिन की करें तो सिटी की मेन रोड से लेकर लिंक रोड और गलियों में भी जाम लग रहा है। चुनाव मैदान में उतरे शूरमा अपने समर्थन के नाम पर पब्लिक को परेशानी ही दे रहे हैं। चुनाव होने के कारण सिटी में इस समय जनसंपर्क, रैली, रोड शो और नुक्कड़ सभाओं की बाढ़ आई हुई है। सभी दल जनता को लुभाने के लिए सिटी के एक कोने से दूसरे कोने में अपने काफिले के साथ दौड़ लगा रहे हैं। ऐसे में पब्लिक चुनावी जाम से हलाकान होने को मजबूर है।

नामांकन से शुरू हुआ जाम

शहर में चुनावी जाम की शुरुआत लोकसभा प्रत्याशियों के नामांकन के साथ शुरू हुई। हालांकि शहर को जाम से बचाने के लिए प्रशासन ने आचार संहिता के नाम पर प्रत्याशियों के काफिलों को रोकने का ऐलान किया। पर प्रत्याशी भीड़ के साथ नामांकन करने पहुंचे। बसपा प्रत्याशी के साथ सपा और भाजपा, कांग्रेस के कैंडीडेट ने भी अपने नामांकन के समय शहर को जाम को पहला तोहफा दिया।

ये कैसा जनसंपर्क

विपक्षी दल के प्रत्याशी से आगे निकलने और पब्लिक के बीच खुद को इक्कीस साबित करने के नेताओं की होड़ के चक्कर में जनता हलाकान हो रही है। सभी मुख्य दलों के प्रत्याशी पब्लिक के बीच आकर अपनी बात कह रहे हैं। प्रत्याशी दिल्ली रोड, हापुड़ रोड, मवाना रोड, सरधना रोड, किला रोड, गढ़ रोड से जुडे़ एरिया में जनसंपर्क कर रहे हैं, लेकिन उनके इस जनसंपर्क से रोड पर भीषण जाम लगता है, क्योंकि पहले इन सड़कों पर अतिक्रमण से हालत काफी खराब है। अब नेता जी का काफिला रफ्तार रोक रहा है।

नाम बना जाम का कारण

कांग्रेस प्रत्याशी सिने तारिका नगमा का नाम ही जाम का कारण बन रहा है। फिल्मी सितारा होने के कारण पब्लिक में उनकी अलग छवि है। ऐसे में जब भी नगमा अपने चुनाव प्रचार के लिए निकलती हैं, समझो जाम लगना तय हो जाता है। पिछले दिनों नगमा ने शहर में रोड शो किया, इसके बाद जनसंपर्क और दो दिन पहले अजरुद्दीन के साथ रोड शो ने भी शहर की सड़कों की रफ्तार को कई घंटों तक रोके रहा।

बसपा और सपा भी आगे

सपा के कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर चुनाव मैदान में हैं। उधर, बसपा ने पूर्व सांसद हाजी शाहिद अखलाक को प्रत्याशी बनाया है। दोनों ही प्रत्याशी स्थानीय हैं और राजनीति से जुडे़ हैं। दोनों का अपना जनाधार है। उनका जनाधार और प्रत्याशी होना पब्लिक के लिए दिक्कत देने वाला बन गया है। अखलाक और मंजूर नामांकन के बाद से ही जनसभा कर रहे हैं। दिल्ली रोड पर रात के समय हर दिन दोनों की जनसभा जाम लगने का कारण बनती है।

भाजपा भी कम नहीं

भाजपा ने फिर से सांसद राजेंद्र अग्रवाल पर यकीन जताया है। प्रत्याशी का वैश्य समाज से जुड़ा होना और बाजार में होने वाली सभा, जनसंपर्क स्थिति को खराब कर रहा है। पिछले दिनों हापुड रोड, बेगम ब्रिज, दिल्ली रोड पर प्रत्याशी के जनसंपर्क करने के कारण काफी देर तक जाम की स्थिति बनी रही।

पहले ही बेदम हैं सड़कें

सिटी में इस समय सीवर और पेय जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन डालने का काम जारी है। ऐसे में लगभग सभी मेन रोड खुदी हुई हैं। इससे सिटी में सुबह से लेकर शाम तक जाम की स्थिति रहती है। अब चुनाव में प्रत्याशियों का जनसंपर्क ट्रैफिक व्यवस्था पर भारी पड़ रहा है।

चुनाव होने के कारण पब्लिक के बीच जाना ही होता है। ऐसे में समर्थक भी साथ होते हैं, लेकिन सड़क जाम न हो इसका पूरा ख्याल रहता है।

- हाजी शाहिद अखलाक, प्रत्याशी बसपा

प्रशासन ने सिर्फ चार गाडि़यों के प्रयोग की परमीशन दी है। ऐसे में काफिला साथ चलने का सवाल ही नहीं उठता, लेकिन जाम सच में मेरठ की बड़ी समस्या है।

- राजेंद्र अग्रवाल, प्रत्याशी भाजपा

सड़कों को जाम से बचाने के लिए पर्याप्त संख्या में ट्रैफिक पुलिस कर्मी सड़क पर तैनात हैं। हां चुनाव होने से कुछ परेशानी जरूर होती है।

- पीके तिवारी, एसपी ट्रैफिक

सिटी में पाइप लाइन डालने के लिए काफी समय से काम चल रहा है, इससे हर सड़क पर जाम रहता है। अब चुनाव में भी जाम की स्थिति अधिक विकट हो गई है।

- अंशुल कुमार

चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को चाहिए कि वह पब्लिक की समस्या को कम करने का काम करे, बढ़ाए नहीं। उनके काफिले और जनसभा से पब्लिक वैसे ही परेशान है।

- रूबी

मेरठ के लिए जाम चुनाव में मुख्य मुद्दा होना चाहिए। लेकिन प्रत्याशी सिर्फ अपने चुनाव प्रचार में लगे हैं और खामियाजा पब्लिक भुगत रही है।

- देवेंद्र शर्मा

गढ़ रोड पर सबसे अधिक जाम लग रहा है, लेकिन किसी प्रत्याशी को ध्यान इस पर नहीं है। जनप्रतिनिधि समस्या का निदान करने वाला हो, देने वाला नहीं।

- मंजू देवी