- राज्यपाल बेबी रानी मौर्या ने राजभवन में आयोजित वाइल्ड लाइफ वीक-2019 में किया पार्टिसिपेट

- फॉरेस्ट गार्ड निडर होकर करें कार्य, प्रलोभन और दबाव में न आएं

- एनवॉयरमेंट हो रहा चेंज, फॉरेस्ट में जानवरों को नहीं मिल रहा भोजन

>DEHRADUN: राज्यपाल बेबी रानी मौर्या ने कहा कि वनों व वन्य जीवों के सरंक्षण में फॉरेस्ट गार्ड की भूमिका अहम है। फॉरेस्ट गार्ड निडर होकर कार्य करें और किसी प्रलोभन या फिर दबाव में न आएं। राज्यपाल बेबी रानी मौर्या ने थर्सडे को राजभवन में वन विभाग द्वारा आयोजित वाइल्ड लाइफ वीक-2019 में पार्टिसिपेट किया।

दुर्लभ पक्षियों के ब्रॉशर का विमोचन

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के त्रिमासिक न्यूजलेटर का अनावरण किया। जबकि उन्होंने उत्तराखंड में पाए जाने वाले दुर्लभ पक्षियों के ब्रॉशर व जैव विविधता बोर्ड द्वारा दुर्लभ जीवों के एक पोस्टर का विमोचन भी किया।

बर्ड वाचिंग पर दिखाई गई शॉर्ट फिल्म

फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की ओर से बर्ड वाचिंग पर एक शॉर्ट फिल्म भी दिखायी गई। इस अवसर पर वन विभाग द्वारा मानव व वन्य जीव संघर्ष को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए 'सिक्योर हिमालय परियोजना' के सहयोग से स्टेट लेवल वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट सूचना तंत्र व मोबाइल ऐप की शुरूआत भी की गयी।

नाटक ने मोहा दर्शकों का मन

प्रोग्राम के दौरान राजकीय विद्यालय पोखाल टिहरी के स्टूडेंट्स द्वारा गुलदार का दग्डया नाटक का मंचन किया गया। दर्शकों ने नाटक की जमकर प्रशंसा की और खूब तालियां बजाई।

वन्यजीवों का रखें ध्यान

अपने संबोधन में राज्यपाल मौर्य ने कहा कि उत्तराखंड के जनमानस का वनों एवं वन्यजीवों के संरक्षण एवं संव‌र्द्धन से एक बहुत पुराना पारम्परिक लगाव है। उत्तराखण्ड राज्य गौरा देवी की भूमि है, जिन्होंने चिपको आंदोलन के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। उत्तराखण्ड में ही जिम कॉर्बेट पार्क है, जो बाघों के संरक्षण के लिए विख्यात है। कहा, बढ़ती आबादी के साथ ही वनों में मनुष्यों का हस्तक्षेप बढ़ा है। पर्यावरण में परिवर्तन के कारण भी बहुत से वन्य जीवों को उनके प्राकृतिक स्थान पर भोजन नहीं मिल पा रहा है और वे बस्तियों, गावों में एंट्री कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपने साथ पेड़, पौधे, नदियों व जल स्रोतों के साथ ही वन्यजीवों का भी ध्यान रखना होगा।

जन्मदिन पर करें प्लांटेशन

राज्यपाल ने स्कूली बच्चों से आग्रह किया कि वे अपने व अपने पैरेंट्स के जन्मदिन पर पेड़ जरूर लगाएं। खुद उनकी देखभाल करें। जल स्रोतों को कभी प्रदूषित न होने दें और जल का संरक्षण करें। पर्यावरण के संरक्षण के लिए देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है। सभी इसमें सक्रिय भागीदारी ि1नभाएं।

पर्यावरण संरक्षण काे आएं आगे

प्रमुख सचिव आनंदव‌र्द्धन ने कहा कि वन्य जीव संरक्षण के कार्य में स्थानीय समुदाय व आम जन को जोड़ना बहुत जरूरी है। प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने कहा कि वन विभाग द्वारा इस वर्ष वन्य जीव संरक्षण सप्ताह के तहत वन्य जीवों के संरक्षण में आम लोगों को जोड़ा जा रहा है। नेचुरल वाटर रिसोर्सेस के पुनर्जीवीकरण का कार्य किया जा रहा है। स्कूलों में पर्यावरण संरक्षण व प्रकृति प्रेम के प्रति अवेयरनेस के लिए नेचर कैंप लगाए जा रहे हैं। दून के झाझरा में शहरी लोगों के लिए सिटी फॉरेस्ट बनाया जा रहा है। इस अवसर पर चीफ वाइल्ड लाइफ राजीव भरतरी के अलावा फॉरेस्ट ऑफिसर्स आदि मौजूद रहे।