- फर्जी मार्कशीट मामले पर एलयू प्रशासन का सख्त रुख

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LUCKNOW : फर्जी मार्कशीट के मामले पर एलयू ने सख्त रुख अपनाया है. वह शासन को लिखेगा कि इसकी जांच एसटीएफ से कराई जाए. कुलसचिव एसके शुक्ला ने बताया कि वे बतौर परीक्षा नियंत्रक 2015 में भी फर्जी मार्कशीट मामले की जांच एसटीएफ से कराने की मांग कर चुके हैं.

17 अप्रैल को हुआ था खुलासा

फर्जी मार्कशीट बनाने के गिरोह का पर्दाफाश 17 अप्रैल को पुलिस ने किया था. इस मामले में एलयू का कर्मचारी नायाब हुसैन गिरोह की मुख्य कड़ी के रूप में सामने आया था और उससे पूछताछ में इसमें तीन लोगों के और शामिल होने की बात आई थी. इसमें वरिष्ठ लिपिक राजीव पांडेय, संजय सिंह और बक्श सिंह शामिल थे. इस पर इन सभी को निलंबित कर दिया गया है. वीसी के निर्देश पर कुलसचिव ने एसएसपी लखनऊ को लेटर लिखकर पूरे मामले की सघन जांच के लिए कहा है.

यूनिवर्सिटी की साख पर दाग

वीसी प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि इस प्रकार से यूनिवर्सिटी में फर्जीवाड़ा करने वालों का कोई नामोनिशान नहीं रह जाना चाहिए. इस तरह से यूनिवर्सिटी का नाम सामने आने से जो स्टूडेंट्स यहां से मार्कशीट व डिग्री लेकर जाते हैं, वे संदेह की नजरों से देखे जाएंगे और यूनिवर्सिटी का नाम भी खराब होगा.

2015 में सामने आया था मामला

एलयू के कुलसचिव एसके शुक्ला ने बताया कि 2015 में जब वे परीक्षा नियंत्रक के पद पर थे, तब बड़ी संख्या में फर्जी मार्कशीट का मामला आया था. शासन से पूरे मामले की जांच किसी बड़ी एजेंसी से कराने की मांग की थी. शासन ने मामले की जांच एसटीएफ से कराने का आदेश दिया था.

कराई गई थी एफआईआर

एसके शुक्ला ने बताया कि फर्जी मार्कशीट के मामले में उस समय लखीमपुर खीरी के 21 लोगों पर वजीरगंज थाने में एफआईआर की गई थी. वहीं यूनिवर्सिटी ने नए सिरे से नई मार्कशीट और डिग्री जारी की थीं.

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पहले सामने आए मामले

- 17 अप्रैल 2019 को फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश. 26 एलयू की मार्कशीट बरामद हुई. इसका यूज शिक्षक भर्ती आदि में करने का प्रयास था.

- 23 अप्रैल 2015 को लखीमपुर खीरी में बीपीएड कैंडीडेट्स के पास से 150 फर्जी मार्कशीट मिली थीं. इसका यूज जूनियर हाईस्कूल में इंस्ट्रक्टर के पद पर भर्ती के लिए किया गया था.

- मई, जून, जुलाई और अगस्त 2015 में कुल 405 फर्जी मार्कशीट के मामले आए. इनका यूज लखीमपुर खीरी में जूनियर हाईस्कूल में इंस्ट्रक्टर पद पर भर्ती के लिए किया गया था.