- कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था को बेहतर बनाने की तैयारी

- पब्लिक फीडबैक पर खासा फोकस, हर कदम पर होगी मॉनीटरिंग

LUCKNOW: घरों से कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए निगम प्रशासन की ओर से पब्लिक फीडबैक पर फोकस किया गया है। नई प्लानिंग में साफ है कि जिस घर से भी कूड़ा कलेक्ट किया जाएगा, उसके भवन स्वामी से कर्मचारी को लिखवाना होगा कि कूड़ा उठा या नहीं। इसके साथ ही कूड़ा कलेक्शन की टाइमिंग को भी नोट किया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ हर सप्ताह कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था को लेकर समीक्षा भी की जाएगी, जिससे हर वार्ड की सही तस्वीर सामने आ सकेगी।

सिर्फ 50 फीसद ही कवर

शहर में ईकोग्रीन कंपनी कूड़ा कलेक्शन का काम कर रही है। अभी केवल 48 से 50 फीसद घरों से ही कूड़ा कलेक्ट किया जा रहा है। अधिकांश वार्डो से रोज कूड़ा न लिए जाने की शिकायतें आती हैं। हालांकि कंपनी की ओर से दावा किया जाता है कि नियमित रूप से घरों से कूड़ा कलेक्ट किया जा रहा है।

नहीं मिलता यूजर चार्ज

नियमित रूप से घरों से कूड़ा कलेक्शन का कार्य न होने की वजह से अधिकांश भवन स्वामियों की ओर से महीने के अंत में यूजर चार्ज भी नहीं दिया जाता है, जिसकी वजह से निगम को राजस्व संबंधी नुकसान होता है। हर महीने करीब दो करोड़ रुपये यूजर चार्ज वसूली का लक्ष्य रखा गया है, जबकि स्थिति यह है कि हर महीने 70 से 80 लाख ही यूजर चार्ज आता है।

इसलिए हो रही कवायद

लगातार गिर रहे यूजर चार्ज और कूड़ा कलेक्शन की आ रही शिकायतों को देखते हुए ही निगम की ओर से यह प्लानिंग की जा रही है। अगर यह प्लानिंग ठीक से इंप्लीमेंट हो जाती है तो जनता को इससे काफी राहत मिलेगी साथ ही कूड़ा कलेक्ट करने वाले कर्मचारियों की मनमानी भी रुक जाएगी।

वाट्सएप से रखेंगे नजर

निगम प्रशासन की ओर से यह भी प्लानिंग की जा रही है कि घरों से कूड़ा कलेक्शन करते हुए टीम अपनी फोटो वाट्सएप ग्रुप पर भेजें। इसके लिए जल्द ही निगम की ओर से एक वाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा।

पार्षद खासे नाराज

कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था को लेकर पार्षद खासे नाराज हैं। हाल में ही आयोजित सदन में लगभग सभी पार्षदों ने इस व्यवस्था पर खासे सवाल उठाए थे। पार्षदों की मांग थी कि कूड़ा कलेक्ट करने वाली कंपनी को चेंज किया जाए और नई कंपनी को जिम्मेदारी दी जाए। जिससे शहर के हर घर से कूड़ा कलेक्ट हो सके।

वर्जन

कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ही यह कदम उठाया जा रहा है। इससे सारी तस्वीर अपने आप साफ हो जाएगी।

डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त