नई दिल्ली (पीटीआई)। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को आंदोलन करते हुए शनिवार को 38 दिन हो गए हैं। किसान व केंद्र सरकार के बीच अब 4 जनवरी को होने वाली बैठक में कानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनाने पर चर्चा होगी। हालांकि इस बैठक से पहले शनिवार को किसानों ने सरकार के साथ अगले दौर की वार्ता को लेकर ऐलान किया कि अगर बात न बनी तो वे 26 जनवरी को दिल्ली की ओर एक ट्रैक्टर परेड निकालेंगे। यह वह दिन होगा जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होंगे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि होंगे।

इस प्रस्तावित परेड को किसान परेड कहा जाएगा
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि उनकी प्रस्तावित परेड को किसान परेड कहा जाएगा। यह गणतंत्र दिवस परेड के बाद आयोजित की जाएगी। केंद्र सरकार और प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों के बीच अगले दौर की बातचीत 4 जनवरी को होने वाली है। शुक्रवार को यूनियनों ने घोषणा की थी कि अगर बैठक गतिरोध को सुलझाने में विफल रही तो उन्हें कड़े कदम उठाने होंगे।

किसानों की 50 प्रतिशत मांगें मान ली यह बात झूठ
वहीं स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि यह एक साफ झूठ है कि सरकार ने किसानों की 50 प्रतिशत मांगें मान ली हैं। हमें अभी तक कागज पर कुछ भी नहीं मिला है। संयुक्ता किसान मोर्चा के तहत सिंघू सीमा पर एक बैठक के बाद किसान संगठनों ने शुक्रवार को कहा कि अगर 4 जनवरी को सरकार के साथ बातचीत विफल हो जाती है, तो वे विरोध तेज करेंगे और 6 जनवरी को कुंडली पर ट्रैक्टर रैली करेंगे।

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