भारत के सलामी बल्लेबाज़ शिखर धवन ने  ऑकलैंड टेस्ट मैच की पहली पारी में शून्य लेकिन दूसरी पारी में 115 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली थी. शिखर धवन वेलिंग्टन में खेल पत्रकारों से रूबरू हुए.

शिखर धवन कहते हैं, "बस जैसा विकेट है उसके हिसाब से खेलने की कोशिश करूंगा. हालांकि मैंने अभी तक विकेट देखी नहीं है, लेकिन आप कह रहे हैं कि वह हरा है.''

उन्होंने आगे कहा, ''हमारे पास अच्छे तेज़ गेंदबाज़ हैं और जिस तरह उन्होंने पिछले टेस्ट मैच में न्यूज़ीलैड को केवल 100 रन के क़रीब आउट कर दिया था. उसे देखते हुए मेरा अनुमान है कि हम वैसे प्रदर्शन को दोहरा सकते हैं और उन्हें 100 के अंदर या फिर कम स्कोर पर आउट कर सकते हैं. हम आत्मविश्वास से भरे हैं."

हालांकि शिखर धवन को हिदायत दी गई थी कि वह आईपीएल और दूसरे मुद्दों से जुड़े सवाल के बारे में कोई बात न करें और केवल मैच के बारे में बात करें.

लेकिन अगर इस टेस्ट मैच की बात करें तो जीत के रथ पर सवार न्यूज़ीलैंड से पार पाना भारत के लिए वेलिंग्टन में भी शायद आसान नहीं होगा.

वेगनेर के बाउंसर

क्या न्यूज़ीलैंड में नसीब होगी पहली जीत?

पहले  टेस्ट मैच में भारत जीत के लिए 407 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए 366 रन बना सका था और उसे 40 रन से हार का सामना करना पडा.

अब केवल स्कोर देखने से यह भले ही बहुत अच्छा लगे, लेकिन वास्तविकता तो यह है कि उस मैच में संघर्ष केवल शिखर धवन और विराट कोहली ने किया था.

दूसरी पारी में एक समय भारत का स्कोर 3 विकेट खोकर 222 रन था और इस स्कोर पर विराट कोहली 67 रन बनाकर न्यूज़ीलैंड के खब्बू तेज़ गेंदबाज़ नील वेगनेर का शिकार बने थे.

भारत की स्थिति बस यहीं तक मज़बूत थी. इसके बाद वेगनेर बेहद ख़तरनाक हो गए थे और उन्होंने क्रीज़ के कोने का बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए लगातार अपनी शार्ट पिच गेंदों से भारतीय बल्लेबाज़ों को मुश्किल में डाल दिया. शिखर धवन भी उनका शिकार बने.

वेगनेर के बाउंसर बाक़ी बल्लेबाज़ों को अटपटे शॉट खेलने के लिए मजबूर कर रहे थे. वेगनेर का उत्साह देखकर टिम साउदी और ट्रेंट बाल्ट भी जोश में आ गए.

भारत की हार

क्या न्यूज़ीलैंड में नसीब होगी पहली जीत?

रविंद्र जडेजा और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एकदिवसीय अंदाज़ में  तेज़तरार्र बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की थी. इनके बल्ले से कुछ रन भी निकले लेकिन इनकी बल्लेबाज़ी देखकर कभी नहीं लगा कि वह भारत को जिताने के लिए खेल रहे हैं.

इनके शॉट्स में आत्मविश्वास नहीं था और इन्हें कई मौक़े भी मिले. पर बकरे की अम्मा कब तक ख़ैर मनाती, वेगनेर ने धोनी और बोल्ट ने जडेजा को आउट कर भारत को हार के मुंह में धकेल दिया.

हालांकि बाद में धोनी ने कहा था कि उन्होंने और जडेजा ने इसलिए तेज़तर्रार बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की थी क्योंकि निचले क्रम के बल्लेबाज़ अधिक योगदान नहीं दे पाते.

वैसे योगदान तो पूरी एकदिवसीय सिरीज़ और पहले टेस्ट मैच में उपरी क्रम के बल्लेबाज़ों से ही कौन सा मिला.

रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, मुरली विजय और रविंद्र जडेजा एक दो पारी को छोड़कर बड़ा स्कोर नहीं बना सके. शिखर धवन का बल्ला तो पहली बार पिछले मैच में चला.

वेलिंग्टन में क्या होगा?

क्या न्यूज़ीलैंड में नसीब होगी पहली जीत?

न्यूज़ीलैंड के केन विलियमसन ने पहले तो एकदिवसीय सिरीज़ में लगातार शानदार प्रदर्शन किया और उसके बाद पहले टेस्ट मैच में भी शतक जमाकर भारतीय गेंदबाज़ों की कड़ी परीक्षा ली. रही सही कसर कप्तान ब्रेंडन मैकुलम ने दोहरा शतक बनाकर पूरी कर दी.

वेलिंग्टन में भी भारतीय गेंदबाज़ों के इनके अलावा कोरी एंडरसन और रोस टेलर से पार पाना होगा और उसके बाद भारतीय बल्लेबाज़ों को एकजुट होकर खेलना पडेगा.

एक तरफ़ जहां आईपीएल से जुड़े विवादों की आंच न्यूज़ीलैंड तक पहुंच रही है, वहां विदेशी पिचों पर लगातार हार का सामना कर रही भारतीय क्रिकेट टीम के मनोबल का अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है.

ऐसे में वेलिंग्टन में दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम से जीत की उम्मीद कम ही है.

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