रैपिड रेल के लिए भैंसाली डिपो पर हुआ मंथन

जीएम रोडवेज और एनसीआरटीसी की टीम ने किया निरीक्षण

Meerut. रैपिड रेल स्टेशन के लिए भैसाली डिपो की शिफ्टिंग के मामले में असमंजस की स्थिति शनिवार को साफ हो गई. रोडवेज प्रबंधन और एनसीआरटीसी की टीम ने रोडवेज वर्कशॉप का निरीक्षण कर कमिश्नर अनीता मेश्राम के साथ फाइनल मंथन निकाला कि भैंसाली बस डिपो को शिफ्ट नही किया जाएगा. रैपिड रेल के लिए केवल रोडवेज का रीजनल वर्कशॉप शिफ्ट होगा. यहां रैपिड के लिए अंडर ग्राउंड स्टेशन बनेगा.

निरीक्षण के बाद हुआ मंथन

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल (रीजनल ट्रांजिट सिस्टम) कॉरीडोर के निर्माण के लिए शनिवार को भैसाली बस डिपो के निरीक्षण के साथ कमिश्नरी में बैठक कर भैंसाली डिपो की शिफ्टिंग पर निर्णय लिया गया. बैठक में एनसीआरटीसी आला अधिकारियों समेत रोडवेज के चीफ इंजीनियर मो इरफान, जीएम राजीव चौहान, आरएम नीरज सक्सेना आदि मौजूद रहे. बैठक में निर्णय लिया गया कि फिलहाल रोडवेज वर्कशाप को शिफ्ट करके वर्कशॉप की जमीन पर रैपिड स्टेशन का काम शुरु किया जाएगा. प्रस्तावित स्टेशन के साथ वर्तमान में चल रहे भैंसाली बस डिपो के नीचे से रैपिड रेल का भूमिगत स्टेशन बनेगा. इस इसके लिए एक मार्ग भैसाली डिपो से भी तैयार किया जाएगा.

सिर्फ वर्कशॉप होगा शिफ्ट

बैठक में मंथन के बाद कमिश्नर अनीता मेश्राम ने बताया कि रैपिड रेल का एलाइंमेंट भैंसाली डिपो से पास होगा. मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट के इंटीग्रेशन के लिए कितनी भूमि की जरुरत है कितनी भूमि दी जानी है. इसके लिए आज बैठक में चर्चा की गई और यह निर्णय लिया गया कि केवल रोडवेज रीजनल वर्कशॉप को रैपिड रेल के स्टेशन के लिए शिफ्ट किया जाएगा. बाकि मेरठ वर्कशॉप और भैंसाली डिपो वहीं रहेगा. रीजनल वर्कशॉप के लिए जमीन एमडीए द्वारा चयनित की जा रही है. रैपिड रेल का काम गाजियाबाद की तरफ से शुरु हो चुका है. पूरा प्रोजेक्ट करीब 33 हजार करोड़ रुपए का है.

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर जिलाधिकारी अनिल ढींगरा, उपाध्यक्ष एमडीए राजेश कुमार पाण्डेय, आरएम नीरज सक्सेना, एनसीआरटीसी के चीफ इंजीनियर वीरेन्द्र कुमार, प्रोजेक्ट मैनेजर पंकज त्यागी आदि मौजूद रहे.