ऐसी है जानकारी  

यही थे वो जिन्होंने ट्रैफिक सर्किल, सर्किल, वन-वे रोड, टैक्सी स्टैंड और पैदल लोगों के लिए क्रॉसवॉक (जेब्रा क्रॉसिंग) को डिजाइन किया था। अब यहां फ्लेप्स को लेकर जो सबसे बड़ी बात है, उसको सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। चौंकाने वाली बात ये है कि यातायात को संवारने वाले फ्लेप्स को खुद गाड़ी चलानी नहीं आती थी। सिर्फ यही नहीं, 1912 में फ्रांस पुलिस ने उनको उनके काम के लिए सम्मान देते हुए मानद ड्राइविंग लाइसेंस भी जारी कर दिया था। इसके बावजूद उन्होंने इसका इस्तेमाल कभी नहीं किया।

ये था विलियम्स का पसंदीदा

अब क्या आप जानते हैं कि फ्लेप्स की सबसे ज्यादा पसंदीदा क्या चीज थी। उनको घोड़े की सवारी बहुत पसंद थी, लेकिन ऑटोमोबाइल पर उनको जरा भी भरोसा नहीं था। इसको वो एक तरह की सनक मानते थे। यही कारण था कि उन्होंने कभी ड्राइविंग नहीं सीखी। अपने पूरे जीवन में उनको जहां कहीं भी जाना होता, तो वो ड्राइवर की मदद ही लेते।

1903 में आया पहला ट्रैफिक कोड

विलियम का जन्म 1858 में न्यूयॉर्क में हुआ था। इन्होंने ट्रैफिक जाम जैसी समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए बड़े स्तर पर काम किया। इसका एक कारण ये भी था कि उस समय घोड़ा गाड़ियों और बग्घियों की वजह से यातायात में काफी दिक्क्तें होती थीं। इसको ध्यान में रखते हुए 1903 में उन्होंने दुनिया का पहला सिटी ट्रैफिक कोड तैयार किया। ये कोड सबसे पहले न्यूयॉर्क के लिए था। इसी के बाद से विलियम को Father of Traffic Safety भी कहा जाता है।

ट्रैफिक रूल्‍स के जनक को खुद ही नहीं आती थी ड्राइविंग

बनाए ये सब भी

यातायात को संवारने के क्रम में विलियम ने न सिर्फ STOP साइन को डिजाइन किया, बल्कि इन्होंने वनवे स्ट्रीट, टैक्सी स्टैंड, ट्रैफिक सर्कल (रोटरी) और पैदल चलने वालों के लिए जेब्रा क्रॉसिंग भी इजाद की। इसके साथ ही उन्होंने पहला Manual of police traffic regulations भी लिखा और पेरिस के Arc de Triomphe के लिए ट्रैफिक पैटर्न भी डिजाइन किया। इन सबके बाद 1921 में विलियम ने वॉशिंगटन डीसी में Eno Transportation Foundation की भी स्थापना की। यह एक नॉन-प्रॉफिट स्टडी सेंटर था। इस सेंटर का मकसद ज़मीन, हवा और पानी, तीनों तरह के ट्रांसपोर्टेशन को सही करने के नए तरीकों को ढूंढ निकालना था।

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