- एलडीए ने मांगा ब्योरा, आबकारी विभाग में हड़कंप

- कॉमर्शियल भवनों में ही दुकानें खोलने का है नियम

LUCKNOW : राजधानी के एलडीए क्षेत्र स्थित आवासीय भवनों में संचालित हो रही शराब व बियर शॉप्स पर संकट के बाद गहराने वाले हैं। आवासीय भवनों में हो रही कॉमर्शियल गतिविधि पर एलडीए ने अपनी नजर टेढ़ी कर ली है। इस संबंध में आबकारी विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है जिससे महकमे में हड़कंप मच गया है। दरअसल, शहर में खुली 90 फीसदी से अधिक देशी, अंग्रेजी शराब की दुकानें व बियर शॉप्स आवासीय भवनों व रिहायशी इलाकों में ही खुली हैं। जो कि नियमानुसार बिलकुल गलत है। यही वजह है कि आबकारी विभाग के अफसर इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। वहीं, दुकानें चिन्हित होने के इन भवनों के मालिकों को कॉमर्शियल टैक्स देना पड़ सकता है।

आसपास भी नहीं खुल सकती दुकान

नियमों के मुताबिक किसी भी शराब की दुकान खोलने से पहले देखना चाहिए कि उसके 50 मीटर के दायरे में कोई भी आवासीय क्षेत्र न हो। हालांकि, राजधानी में तस्वीर ठीक इसकी उलट है। आलम यह है कि इंदिरानगर के मुंशी पुलिया के करीब खुली दुकान के तो ऊपर बने फ्लैट्स में लोग रहते हैं। जबकि, पूरा का पूरा इलाका ही आवासीय है। यही नहीं, नरही, मीराबाई मार्ग, लालकुआं, सुभाष मार्ग, हुसैनगंज, मॉडल हाउस में खुली देशी, अंग्रेजी शराब व बियर शॉप्स आवासीय भवनों में ही खुली हुई हैं। जहां देररात तक अराजक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है।

न मुनादी, न ली जाती है राय

शराब की दुकान खोलने से पहले इलाके में डुग्गी पिटवाकर मुनादी करवाना और नोटिस चिपकाना जरूरी होता है। अगर इस दौरान इलाके की पब्लिक विरोध करती है तो वहां की दुकान नहीं खुल सकती। लेकिन, शहर में किसी भी शराब की दुकान खोलने से पहले इस नियम का पालन नहीं होता। गुपचुप ढंग से दुकान आवंटित करवाने के बाद अचानक दुकान खोल दी जाती है। आसपास के लोगों को इसकी जानकारी दुकान खुलने के बाद होती है। अगर वे इसका विरोध भी करते हैं तो इसका कोई असर नहीं होता है।

बॉक्स।

राजधानी में कुल शराब व बियर की दुकानें

देशी शराब 506

अंग्रेजी शराब 257

बियर 250

मॉडल शॉप 57