लाइसेंसी शराब की दुकानों के संचालन में आ रही समस्या से आजिज आकर दुकानदारों ने आबकारी आयुक्त उत्तर प्रदेश को पत्र भेजा है। डीएम सहित अन्य अधिकारियों को एप्लीकेशन देकर लोगों ने अंग्रेजी, देसी और बीयर शॉप का संचालन करने के लिए सहूलियत मांगी है। दुकानदारों का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण चार मई तक दुकानें बंद रहीं। चार मई दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई। लेकिन बिक्त्री का समय निर्धारित होने से दुकानों पर शाम के समय ग्राहक नहीं जुट रहे। दुकानदारों का कहना है कि इनकम की प्रॉब्लम से लोग शराब नहीं खरीद रहे हैं। अप्रैल, मई, जून में लगन सीजन होने से भी शराब की बिक्त्री होती है। लेकिन लॉकडाउन के कारण शादियां ठप हैं। इसके अलावा शराब पीने वाले लोग शाम छह बजे लेकर रात के 10 बजे तक खरीदारी करते हैं। इस दौरान करीब 70 फीसदी बिक्री होती है। मॉडल शॉप और देसी शराब की दुकान पर बैठकर पीने की सुविधा से ग्राहक रुकते हैं। लेकिन लॉक डाउन में सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक शराब की बिक्त्री हो रही है। नियम-शर्तो में मॉडल शॉप नहीं खुल रहे। देसी की दुकानों पर बैठने की व्यवस्था नहीं है। इसलिए ग्राहक नहीं आ रहे। इसको देखते हुए शराब कारोबारियों ने लॉकडाउन के दौरान 43 दिनों की लाइसेंस फीस वापस मांगी है। लॉकडाउन में बिक्त्री न होने पर भी निर्धारित कोटे के उठान का दबाव अधिकारी बना रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि स्टॉक का वेरीफिकेशन करा लिया जाए। लोगों का कहना है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो लाइसेंस सरेंडर कर दूसरे कारोबार शुरू करेंगे। इस दौरान जिले के ज्यादातर दुकानदार मौजूद रहे।