आई फॉलोअप-

शराब दुकानों में कंप्यूटर से लेकर सीसीटीवी तक उपलब्ध पर चालू नहीं

सरकार के हाथ में कारोबार फिर भी पहुंच रही होटलों तक शराब

ठंडी बीयर चाहिए तो साइड से एक्स्ट्रा रुपए लेकर आइए

RANCHI (6 May) : शराब एग्रीमेंट उल्लंघन के मामले पर उत्पाद विभाग पूरी तरह मौन है। अधिकारी आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं। जिन दो कंपनियों को मैनपावर प्रोवाइड करने का एकरारनामा किया गया है, उनके साथ एकरारनामे की शर्ते बिलकुल स्पष्ट हैं, जिनमें सभी दुकानों से भुगतान संबंधी बिल या रसीद जारी करना जरुरी है। साथ ही कंप्यूटराइज्ड बिल जारी करना अति आवश्यक है। इसके अलावा दुकानों में सीसीटीवी भी लगाना अनिवार्य किया गया था। इनमें से किसी आदेश का पालन नहीं किया जा रहा। उत्पाद विभाग एकरारनामे और कानून उल्लंघन के सारे मामलों को देख रहा है लेकिन इस विषय पर सबकी चुप्पी काफी रहस्यमय होती जा रही है।

100 करोड़ के घाटे के पीछे छिपे कई राज

शराब बिक्री में ड्यूटी और बोतल की दाम बढ़ाने के बाद भी सरकार को करीब 100 करोड़ का नुकसान होने की बात सामने आयी है। जानकारों का मानना है कि इस नुकसान के पीछे कई राज छिपे हैं। दुकानों से अवैध तरीके से राज्य के बाहर की शराब बेची जा रही है जिसके कारण सरकारी शराब दुकानों में ही पड़ी रह जा रही है। बिना रशीद के कई तरह का गोलमाल करके स्टॉक से खिलवाड़ किया जा रहा है।

कैसे पहुंच रही शराब लोकल ढाबों और होटलों तक

सरकार शराब बिक्री कर रही है। इसके बावजूद लोकल ढाबों और होटलों में खुलेआम शराब पिलायी जा रही है। एसडीओ अंजलि यादव ने चुनाव के ठीक पहले बोड़ेया के एक होटल और ओरमांझी के नीलकमल होटल में छापामारी कर शराब की कई बोतलें बरामद की हैं, जिसकी प्राथमिकी स्थानीय थानों में दर्ज करायी गयी है। लेकिन, इन बोतलों के इन होटलों तक पहुंचने के पीछे कौन सा नेटवर्क काम कर रहा है, इसकी छानबीन करने में पुलिस नाकाम हो जा रही है। शराब के कारोबार पर सीधे सरकार का नियंत्रण है उसके बावजूद खुलेआम शराब की बिक्री सरकारी सिस्टम पर कई सवाल खड़े कर रही है।

ठंडी बीयर के लिए साइड से रास्ता

शराब दुकानों में ठंडी बीयर उपलब्ध नहीं है, ऐसा कहकर ग्राहकों को चलता किया जा रहा है। इन बीयर की बोतलों को शराब दुकान के कर्मियों के द्वारा स्थानीय होटलों व ढाबों में ऊंचे दाम पर बेचा जा रहा है और फिर उन ढाबों से भी शराब ग्राहकों तक और भी ऊंची कीमत पर पहुंच रही है। कई दुकानों में तो साफ कहा जा रहा है कि ठंडी बीयर चाहिए तो साइड से आइए कुछ एक्सट्रा रुपया भी लगाइए

कोट

शिकायतें तो मिल रही हैं लेकिन उनपर लगाम कैसे लगाया जाए, इसपर सभी अधिकारी लगे हुए हैं। विभागीय स्तर पर भी लागातार नियंत्रण का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही जिला प्रशासन भी इस दिशा में काफी सहयोग कर रहा है फिर भी शराब की खेप दुकानों से बाहर निकल ही जा रही है यह चिंतनीय बात है।

गजेन्द्र सिंह, सहायक उत्पाद आयुक्त

हमलोग समय-समय पर दुकानों के कर्मियों की अदला-बदली करते रहते हैं। एहतियात भी बरती जा रही है और लागातार मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं। लेकिन, कर्मियों की मिलीभगत से शराब की खेप बाहर बेच दी जा रही है। ऐसी शिकायत बार-बार मिल रही है।

राजदीप, जीएम, सोमुख इंटरप्राइजेज