- एसटीएफ, क्राइम ब्रांच और पुलिस टीम करती बरामदगी
- शुक्रवार रात एसटीएफ की कार्रवाई में मिली शराब
-ड्राइवर-खलासी गिरफ्तार, कार्रवाई खत्म हुई जनाब
GORAKHPUR: सिटी से लेकर बिहार तक हरियाणा और पंजाब के शराब की तस्करी धड़ल्ले से जारी है। इस बीच होली करीब आते ही तस्कर भी सक्रिय हो गए हैं। वहीं, पुलिस अपनी पीठ थपथपाने के लिए कार्रवाई भी कर रही है, लेकिन यह सिर्फ ड्राइवर व खलासी तक ही। तीन साल में एक भी मेन संचालक को एसटीएफ नहीं पकड़ पाई है। शुक्रवार रात भी यही हुआ। देवरिया की तरफ जा रही अवैध शराब की खेप एसटीएफ ने बरामद की। लेकिन असली कैरियर तक पहुंचने में पुलिस नाकाम रही है। हालांकि एसटीएफ दावा कर रही है कि इस बार लग्जरी कार सवार तस्कर भी हाथ लगा है। उसे जरिए अन्य लोगों तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी। छह माह के भीतर करीब 82 गाडि़यों में पांच करोड़ रुपए की शराब बरामद हो चुकी है।
देवरिया में सप्लाई देने जा रहे थे तस्कर
शुक्रवार रात हरियाणा से बिहार जा रही शराब की खेप खोराबार एरिया में बरामद हुई। एसटीएफ लखनऊ की टीम ने तस्करों का पीछा करके 1500 कार्टन शराब, एक हॉफ राइफल, तीन कारतूस, दो फर्जी नंबर प्लेट और एक लग्जरी व्हीकल और एक ट्रक बरामद किया। कार सवार तस्करों का गैंग ट्रक में माल लेकर देवरिया के तारकेश्वर जायसवाल को सप्लाई देने जा रहा था। पकड़े गए लोगों की पहचान हरियाणा, सोनीपत के रहने वाले मंजीत, जयदीप, राकेश और संदीप के रूप में हुई। सभी के खिलाफ जालसाजी और आबकारी एक्ट का मामला दर्ज किया गया है। बरामद राइफल का लाइसेंस बरामद हुआ।
इन कमियों से नहीं थम सकी तस्करी
- अवैध शराब की बरामदगी को पुलिस गंभीर अपराध नहीं मानती है।
- चेकिंग के दौरान पुलिस टीम गाड़ी के ड्राइवर और खलासी को ही अरेस्ट करती है।
- शराब बरामदगी में आबकारी एक्ट के मामले दर्ज कर माल जब्त कर लिया जाता है।
- कुछ दिनों के बाद ही पकड़े गए लोग छूट जाते हैं। विवेचक भी इसको गंभीरता से नहीं लेते।
- हरियाणा और पंजाब के अवैध शराब की तस्करी के रैकेट में शामिल लोगों पर गुंडा, गैंगेस्टर के तहत कार्रवाई नहीं।
- जांच की लंबी प्रक्रिया और गैर प्रदेश में जाकर अभियुक्त की तलाश करने को पुलिस टीम बड़ी परेशानी मानती है।
- पुलिस का दावा है कि मोबाइल के जरिए कैरियर को गाइड लाइन जारी की जाती है। बाद में कोई लोकेशन नहीं मिलती।
जांच के लिए बनी विशेष टीम, खुद लापता
अधिकारियों का कहना है कि हरियाणा, पंजाब और हिमाचल की बनी शराब की तस्करी का पूरा संचालन मोबाइल के जरिए होता है। पकड़े गए लोग भी उस चैनल की एक कड़ी होते हैं। बताए गए जगह पर डिलीवरी देने के बाद कैरियर को निर्धारित पैसा मिल जाता है। इसको देखते हुए दो साल पूर्व तत्कालीन एसएसपी शलभ माथुर ने एएसपी की लीडरशिप में टीम का गठन किया। उनके तबादले के बाद टीम भी लापता हो गई।
हर बार नई गाड़ी अौर नए लोग
पुलिस का दावा है कि जितनी बार कार्रवाई हुई है। उतनी बार नए लोग पकड़े गए हैं। तस्करी के लिए हर बार नए लोगों का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए कोई सुराग नहीं मिल पाता। पुलिस से जुड़े लोगों ने बताया कि यदि दो मामलों में को-रीलेशन मिले तो गुंडा और गैंगेस्टर की कार्रवाई आगे बढ़ सके। लेकिन इनके बीच कोई तालमेल नहीं ि1मलता है।
हाल के दिनों में हुई बरामदगी
7 मार्च 2020: खोराबार एरिया में एसटीएफ ने 1500 कार्टन शराब बरामद किया।
14 मार्च 2020: गीडा एरिया के तेनुआ टोल प्लाजा के पास भारी मात्रा में शराब बरामद।
14 फरवरी 2020: गीडा एरिया में शराब तस्करी में दो पकड़े गए। उनकी पहचान पंजाब, मोंगा निवासी लखबीर सिंह और दिल्ली के डीडीए फ्लैट निवासी राम लौट के रूप में हुई। दोनों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया।
2 दिसंबर 2019: हाइवे पर हरियाणा से बिहार जा रही 51 लाख रुपए की शराब बरामद हुई।
27 नवंबर 2019: गोरखपुर से होकर जा रही अवैध शराब की खेप देवरिया में पकड़ी गई। 17 लाख रुपए के शराब की बरामदगी हुई।
वर्जन
अवैध शराब तस्करी के मामलों की जांच पुलिस कर रही है। इनकी विवेचना में क्या हुआ है। इस संबंध में पूरी जानकारी ली जाएगी। यदि जांच अधिकारी की कोई भूमिका मिली तो उन पर कार्रवाई होगी। हाइवे पर पुलिस टीम एक्टिव है। इसलिए शराब की खेप बरामद हो रही है।
डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी