- गर्मियों की अपेक्षा सर्दियों में सेहत का अधिक ख्याल रखने की जरूरत
-जीवन शैली में बदलाव और खानपान में बदलाव से रखे खुद का सुरक्षित
Meerut। पहले सर्दियों के मौसम को बीमारी के लिहाज से अधिक सिक्योर समझा जाता था। सर्दियों में अपने खानपान और विशेष दिनचर्या के माध्यम से लोग काफी फिट रहते थे। लेकिन इसके विपरीत अब सर्दियों में बीमारी के खतरे गर्मियों की अपेक्षा में अधिक बढ़ गए हैं। सीनियर डायटीशियन डॉ। भावना तोमर इसको खानपान में आए बदलाव और फिजीकल एक्टीविटी में आई बेहद कमी को कारण बताती हैं।
डॉ। वीरोत्तम तोमर ने बताया कि ठंड में तापमान कम होने से बॉडी का टेंप्रेचर मौसम से कोप-अप करता है। ऐसे में वैस्क्यूलर प्रॉब्लम पैदा हो जाती है। ठंड होने से नसे सिकुड़ने लगती है, जिससे एजाइना पेन व हार्ट स्ट्रोक का खतरा अधिक बढ़ जाता है। ठंड में दमा अटैक का भी खतरा बढ़ जाता है। खासकर रात में और सुबह इस बीमारी का खतरा अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में बच्चों और बुजुर्गो का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है।
एयर बोर्न डिजीज
-स्मॉग में खतरनाक वायसर नीचे आ जाते हैं, जो सांस के साथ फेफडों में प्रवेश कर जाते हैं।
-सर्दियों में अधिकांश लोग एक कमरे में रहना पंसद करते हैं, जिससे परिवार के एक सदस्य से बीमारी दूसरों को लगने की आशंका रहती है।
-कमरे में गैस गीजर का यूज न करें। हीटर आदि पर भी पानी से भरा बर्तन रखें, ताकि माइश्चर मेंटेन रहे।
कुछ आदत डालें
-हैंड वॉशिंग टेक्निक को अपनाएं।
-खाने में तरल पदार्थो की संख्या बढ़ाएं।
-मौसमी फलों को अधिक मात्रा में लें।
-खान-पान में बदलाव न करें। प्रयोग से बचें।
इम्यूनिटी बढ़ाएं
-योगा को दिनचर्या में लाएं।
-मानसिक तनाव से बचें, यह इम्यूनिटी वीक करती है।
-ब्रीद कंट्रोलिंग सिस्टम को सीखें।
कॉलोस्ट्रोल पर रखें कंट्रोल
-बॉडी में शुगर की मात्रा न बढ़ने दें।
-रेगुलर एक्सरसाइज कर कैलोरी बर्न करें।
-एल्कोहल से परहेज करें।
-मूंगफली अधिक मात्रा में न लें।
-इंडियन डायट को ही तरजीह दें।
-फलों और सलाद की संख्या बढ़ाएं।
-वॉक पर जरूर निकलें।
-फाइबर युक्त चीजों से परहेज रखें।
-हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।
-धूप में बैठें, खूब पानी पिएं, नमक कम लें।
-सरसों के तेल का अधिक सेवन करें।
-3 से 4 घंटे में कुछ न कुछ खाते रहें।
-डिनर में रोटी को अवॉयड करें। दलिया या दाल आदि लें।
-सर्दियों में दही जरूर खाएं।
-रोजाना पांच बादाम और दो अखरोट लें।
ड्रायनेस से बचें
-नहाने से पूर्व बॉडी पर सरसों के तेल से मालिश करें।
-नहाने के बाद गीले शरीर पर मॉइश्चर का यूज करें।
-सर्दियों में साबुन का इस्तेमाल न बराबर करें।
बरतें एहतियात
-दमा रोगी इनहेलर हमेशा रखें।
-बीपी पेशेंट्स रेगुलर बीपी मॉनीटर रखें।
-किडनी पेशेंट्स डॉक्टर्स के रेगुलर टच में रहें।
सर्दियों में हार्ट और दमा पेशेंट को अधिक सावधानी की जरूरत है। खानपान में बदलाव और कुछ एक्सरसाइज के माध्यम से बॉडी को फिट रखा जा सकता है।
-डॉ। वीरोत्तम तोमर, चेस्ट रोग स्पेशलिस्ट, अध्यक्ष आईएमए
सर्दियों में हमें अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। जैसे हरे पत्तेदार सब्जी, मौसमी फल व खाने में तरल पदार्थो को बढ़ाकर बीमारियों से बचा जा सकता है।
-डॉ। भावना गांधी, डायटीशियन
चिकनगुनिया के बाद सर्दियों में ज्वाइंट पेन की समस्या अधिक गहरा गई है। ऐसे में इस पेन से बचने के लिए क्या किया जाए। सर्दियों में बॉडी का ख्याल कैसे रखें।
-अंकित चौधरी, बीजेपी नेता
ठंड में त्वचा अधिक ड्राय हो जाती है। इसके साथ ही खुजली और एलर्जी जैसी अधिक समस्याएं देखने को मिलती है।
-अभिषेक जैन, सीसीएसयू