- रेप पीडि़ता को नहीं मिला न्याय, आत्महत्या कर छोड़ दी दुनिया

- ज्यादातर केस में जमानत के बाद मिल रही थी धमकी

- लखनऊ के एक केस में पुलिस ने पेश की मिसाल, 6 दिन में लगाई चार्जशीट

LUCKNOW: हैदराबाद में डॉक्टर से गैंगरेप के बाद जलाकर हत्या करने वाले आरोपियों को एनकाउंटर में मार गिरने की घटना ने पूरे सिस्टम को झकझोर कर रख दिया है। हर तरफ एक ही चर्चा है कि गैंगरेप आरोपियों को तत्काल सजा मिले तो शायद ऐसी घटनाओं पर अंकुश लग सकता है। 'दिशा' जैसी कई और बेटियां हैं जिन्होंने न्याय के इंतजार में जान गवां दी, लेकिन उन्हें समय पर न्याय नहीं मिला। हालांकि लखनऊ पुलिस ने एक पहल जरूर की थी, जिसमें बच्ची के साथ रेप कर हत्या करने वाले के खिलाफ महज 6 दिन में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। ताकि फास्ट ट्रैक कोर्ट में उसे जल्द से जल्द सजा मिल सके। पेश है मयंक श्रीवास्तव की खास रिपोर्ट

केस नंबर-1

15 अक्टूबर 17

इस 'दिशा' को नहीं मिल सका इंसाफ

बागपत के रमाला क्षेत्र में रहने वाले किशोरी के पिता ने बताया कि गांव के पांच युवकों ने 28 जून को बेटी का अपहरण कर रेप किया और दो जुलाई को थाने के पास छोड़कर चले गए। रमाला थाने में केस दर्ज किया गया, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और फाइनल रिपोर्ट लगा दी। आरोपी युवकों ने फिर से युवती से छेड़छाड़ की और गैंगरेप की धमकी दी तो किशोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद पुलिस ने आरोपी सोनू, मोनू, रोहित सागर व पप्पू को हिरासत में ले लिया था।

केस नंबर-2

27 जुलाई 13

आरोपियों के परिजनों की वजह से दी जान

एक युवती एक जुलाई को गैंगरेप की शिकार हुई। पीडि़त बदनसीब लड़की ने अपने एक संबंधी के घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। परिवार का कहना है कि गैंगरेप के आरोपियों के परिवारवालों की वजह से लड़की ने जान दी। गैंगरेप के बाद से पीडि़ता मोदीनगर में अपने परिजनोंके साथ बुआ के घर में रुकी हुई थी।

और कर ली आत्महत्या

केस नंबर-3

10 अगस्त 19

कानपुर के रायपुरवा थाना क्षेत्र की किशोरी ने 27 जुलाई को मोहल्ले के तीन युवकों और एक महिला पर रेप का मामला दर्ज कराया था। लिखित शिकायत में उसने घर की छत से असलहा दिखाकर उठा ले जाने और घर में बेहोश कर गैंगरेप की बात कही थी। पुलिस ने किशोरी की शिकायत पर मामला तो दर्ज कर लिया, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई। आरोपियों के परिजन किशोरी पर कमेंट करते थे, जिससे परेशान होकर किशोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

केस नंबर-4

15 जुलाई 19

गोंडा के कोतवाली करनैलगंज क्षेत्र के ग्राम फतेहपुर कोटहना की एक महिला ने 7 अगस्त 18 को कोतवाली करनैलगंज में गैंगरेप, धमकी का केस दर्ज कराया था। इसके बाद आरोपी बलात्कार का वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए उसके साथ जबरन बलात्कार करते रहे। केस दर्ज होने के बाद भी न्याय न मिलने पर विधान सभा के सामने धरना दिया और सीएम आवास पर आत्मदाह का प्रयास किया। फिर भी न्याय न मिलने पर पीडि़त महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतका के पति का आरोप है कि पुलिस से उसे न्याय नहीं मिला, जिससे क्षुब्ध होकर महिला ने आत्महत्या कर ली है।

बॉक्स

पुलिस की अनोखी पहल

रेप पीडि़ता को न्याय दिलाने के मामले में लखनऊ पुलिस ने संजीदगी दिखाई थी। घटना के 6 दिन के भीतर पुलिस ने न केवल आरोपी को गिरफ्तार किया बल्कि उसके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी, जिससे जेल में रहते हुए आरोपी के खिलाफ केस का ट्रायल शुरू हो सके और उसे सजा मिल सके।

6 दिन में लगाई थी पुलिस ने चार्जशीट

मामला लखनऊ के सआदतगंज का है। 16 सितंबर 19 को पड़ोस में रहने वाले आरोपी बबलू ने पड़ोस में रहने वाली बच्ची के साथ रेप किया और फिर उसकी जघन्य तरीके से हत्या कर दी। मामले में पुलिस ने दूसरे दिन ही उसे गिरफ्तार कर लिया। मामला इतना गंभीर था कि एसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने अपनी टीम के साथ जांच पूरी कर 6 दिन के भीतर ही आरोपी के खिलाफ न केवल चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की बल्कि केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में लाकर सुनवाई की पहल की। ताकि बच्ची के आरोपी को जल्द से जल्द सजा मिल सके। यह अपने आप में सबसे अनोखा केस था, जिसमें मात्र 6 दिन में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। पूर्व में भी कई प्रदेशों में पुलिस ऐसा एक्शन ले चुकी है, लेकिन यूपी में यह अनोखी पहल थी।

इन केस में पीडि़त को मिला जल्द न्याय

- राजस्थान के अलवर में सात महीने की बच्ची से रेप के दोषी को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने महज ढाई महीने में फांसी सुनाई थी। 9 मई 2018 को वारदात हुई। कोर्ट ने महज 13 सुनवाई के बाद 18 जुलाई को दोषी करार दिया गया। 21 जुलाई को कोर्ट ने सजा सुना दी।

- मध्य प्रदेश के सागर जिले की अदालत ने जुलाई 2018 में नौ साल की बच्ची से रेप के 40 वर्षीय आरोपी नारायण पटेल उर्फ भग्गी को महज 46 दिनों में ट्रायल पूरा करके फांसी की सजा सुनाई थी। एडिशनल मौत की सजा सुनाई थी।

- मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के किशोर न्याय बोर्ड ने अगस्त 2018 में चार साल की बच्ची से रेप के नाबालिग आरोपी को महज सात घंटे की सुनवाई के बाद पांचवें दिन दो साल कारावास की सजा सुनाई थी। पुलिस ने पांच दिन की छानबीन के बाद सुबह 10.45 बजे अभियोग पत्र दाखिल किया। अभियोजन और आरोपी पक्ष के वकील की दलीलें सुनने के बाद शाम 6 बजे सजा सुना दी गई।

- मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में साढ़े तीन साल की बच्ची से रेप के आरोपी को दोषी करार देकर महज आठ महीने में दोहरी फांसी की सजा सुनाई थी। अगस्त 2018 में हुई वारदात के आरोपी विजय उर्फ पिंट्या की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि उसने तंत्र मंत्र के लिए बच्ची को अगवा करके रेप के बाद हत्या कर दी। उसके पास मिली लाल डायरी से सामने आया कि उसने ऐसी और भी कई घटनाओं को अंजाम दिया है।