नई दिल्ली (आईएएनएस)। डीजल कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी से ट्रांसपोर्ट सेक्टर की मांग में कमी आ रही है। ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी से इस सेक्टर को बड़ा नुकसान हो सकता है। लगातार बढ़ती कीमतों से मार्जिन सिकुड़ रहा है। सोमवार को नई दिल्ली में 11 पैसे की बढ़ोतरी की गई जबकि पेट्रोल कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पेट्रोल की कीमतें अब भी स्थिर बनी हुई हैं। देश की राजधानी दिल्ली में डीजल और पेट्रोल कीमतों में अंतर बढ़ता ही जा रहा है।

दिल्ली में डीजल 81.05 रुपये और पेट्रोल 80.43 प्रति लीटर

पिछले महीने ही डीजल कीमतें दिल्ली में पेट्रोल से ज्यादा हो गई थी। यह अपने आप में एक अप्रत्याशित घटना थी। सोमवार को दिल्ली में डीजल के भाव 81.05 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गए। एक दिन पहले तक राजधानी में डीजल के भाव 80.94 रुपये प्रति लीटर थे। वहीं पेट्रोल के रेट पहले की तरह 80.43 प्रति लीटर पर स्थिर बने हुए हैं। 29 जून से पेट्रोल के रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। पिछले दिनों इसके रेट में पांच पैसे की बढ़ोतरी की गई थी।

पेट्रोल 9.5 रुपये और डीजल 11.5 रुपये प्रति लीटर महंगा

राजधानी दिल्ली के साथ ही देश के अन्य मेट्रो शहरों में भी डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हुईं लेकिन डीजल की कीमतें अब भी वहां पेट्रोल से 6-8 रुपये प्रति लीटर कम बनी हुई हैं। 7 जून के बाद से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने वाहन ईंधन कीमतों में लगातार बढ़ोतरी की है। इससे पहले 82 दिनों तक कोविड-19 महामारी को लेकर हुए लाॅकडाउन के दौरान ईंधन कीमतों की दैनिक समीक्षा पर रोक लगा दी गई थी। तब से पेट्रोल 9.5 रुपये और डीजल 11.5 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है।

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