एसएन के रिसेप्शन कॉम्पलेक्स में लगना था फायर सिस्टम

इमारत में पांच हजार से अधिक मरीज एवं तीमारदारों का होता है आवागमन

आगरा। मरीजों की सुविधा और राहत के लिए बनाया गया एसएन मेडिकल कॉलेज का रिसेप्शन कॉम्पलेक्स कहीं जानलेवा न बन जाए। बिल्डिंग की शुरुआत तो हो गई है, लेकिन फायर फाइटिंग सिस्टम नदारद है। इसी बिल्डिंग में हर रोज ओपीडी का पर्चा बनवाने के लिए मरीजों और तीमारदारों की लंबी लाइन लगती है। ओपीडी में दिखाने के बाद मरीजों को दवा वितरण भी इसी इमारत के अंदर की जाती है। ऐसे में अगर कोई आग से संबधित हादसा होता है तो इससे बचने के कोई इंतजाम रिसेप्शन कॉम्पलेक्स के अंदर मौजूद नहीं है। इमारत के बजट में फायर फाइटिंग सिस्टम को लगाने का प्रस्ताव प्रमुखता से भेजा गया था, लेकिन बिना फायर फाइटिंग सिस्टम लगे ही बिल्डिंग को हैंडओवर कर दिया गया। मरीजों और तीमारदारों की जान जोखिम में डालकर विभाग बेसुध बैठा है। शायद कोई अनहोनी के बाद ही प्रबंधन जागेगा।

18 लाख का था फायर फाइटिंग का बजट

एसएन मेडिकल कॉलेज में ओपीडी के पर्चे एवं दवा वितरण काउंटर के लिए नए रिसेप्शन कॉम्पलेक्स का निर्माण किया गया था। रिसेप्शन कॉम्पलेक्स को वीआईपी तर्ज पर बनाया गया है। कॉम्पलेक्स के लिए एक करोड़ का बजट प्रस्तावित हुआ था। इमारत में करीब 18 लाख रुपये का फायर फाइटिंग सिस्टम भी लगना था। बिल्डिंग में फायर एनाउंस एवं ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर समेत सभी इंतजाम होने थे, लेकिन बिल्डिंग में ऐसा कोई भी प्रबंध नहीं किया गया। अगर कॉम्पलेक्स में कोई आग से संबधित हादसा हो जाता है, तो विभाग के पास इससे निपटने के कोई इंतजाम नहीं है। कॉम्पलेक्स मुख्य सड़क से करीब आधा किमी अंदर की ओर है। कॉम्पलेक्स का दूसरा गेट बंद रहता है। ऐसे में दुर्घटना में मरीज और तीमारदारों को भागने का भी कोई भी मौका नहीं मिलेगा।

ढाई हजार से ऊपर रहता है मरीज बिल्डिंग में

मरीजों को ओपीडी में दिखाने के लिए एक रुपये का पर्चा बनवाना होता है। वह पर्चा इसी रिसेप्शन कॉम्पलेक्स में बनता है। यहां मरीजों के साथ ही तीमारदारों की लंबी लाइन सुबह से ही लगना शुरू हो जाती है। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं लाइन लगाकर पहले पर्चे, फिर दवा प्राप्त करने के लिए लगे रहते हैं। सोमवार को इसी बिल्डिंग में करीब पांच हजार से ज्यादा लोग जमा होते हैं। इतनी संख्या में लोगों के रहने के बाद भी फायर से निपटने के कोई इंतजाम नहीं किए गए। इतनी बड़ी आबादी पर सिर्फ कुछ सिलेंडर लगा दिए गए है, जबकि 18 लाख का फायर फाइटिंग का बजट अधिकारियों और एजेंसी ने हेर फेर कर दिया।

प्रिंसिपल साहब को इसके बारें में जानकारी होगी। रिसेप्शन कॉम्पलेक्स में फायर सिस्टम लगे होने चाहिए। यदि नहीं लगे है तो इसको देखा जाएगा।

एस के मजूमदार, एसआईसी, एसएन मेडिकल कॉलेज