बाराबंकी: थाने में जिंदा जलाई गई युवती ने तोड़ा दम, जानें पूरा मामला
लखनऊ में युवती ने तोड़ा दम
बाराबंकी के कोठी थाना क्षेत्र में रेप के बाद पेट्रोल डालकर जिंदा जलाई गई युवती ने आज सुबह लखनऊ के सिविल अस्पताल में दम तोड़ दिया। कल सुबह 11 बजे कोठी पुलिस सिपाही हीरा यादव और पंकज दुबे इस युवती को लेकर लखनऊ अस्पताल लेकर आए थे। लखनऊ पहुंचने तक यह युवती 90 प्रतिशत तक जल चुकी थी। लेकिन डॉक्टरों ने 40 वर्षीय नीतू को किसी तरह जिंदा रखने की कोशिश की लेकिन आज सुबह डॉक्टरों के सभी प्रयास फेल हो गए। मरने से पहले नीतू ने बयान दिया था कि पुलिस उनके पति रामनारायण दुबे को बिना किसी आरोप के उठा ले गई।
क्या कहना है पुलिस का
इस मामले में पुलिस का पक्ष यह है कि नीतू दुबे सोमवार सुबह अपने पति को छुड़वाने कोठी थाने पहुंची थी जहां पर पुलिस कर्मियों के अभद्र व्यवहार से छुब्द होकर महिला ने पेट्रोल डालकर आत्मदाह कर लिया। कोठी थाने के एसओ रायसाहब यादव और एसआई अखिलेश राय पर अवैध हिरासत और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा तय करके कार्रवाई की जा रही है। इस संबंध में दोनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जा चुका है। डीएम ने मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही आईजी अशोक जैन ने बताया कि महिला के पति को बिना किसी वजह से हिरासत में लिया गया। इस वजह से दोनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करके जांच की जा रही है।
आखिर क्या है मामला
पुलिसकर्मियों द्वारा रामनारायण दुबे की 40 वर्षीय पत्नी के साथ पुलिसिया अत्याचार की दास्तां की शुरुआत भी एक छेड़छाड़ की घटना से ही हुई थी। इसकी शुरुआत शनिवार शाम को हुई थी जब रहीमपुर निवासी गंगाराम ने अपने पड़ोसी गंगाराम के बेटे दीपक पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया। इसके विरोध में दीपक के पिता नंदकिशोर तिवारी ने गंगाराम को गोली मार दी जिन्हें तत्काल रूप से लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके विरोध में नंदकिशोर तिवारी, उनके बेटे दीपक और नौमीलाल पर हत्या का मामला दर्ज कराया गया। जब पुलिस इन तीनों को पकड़ने आई तो नंदकिशोर के ना मिलने पर पुलिस उनके बहनोई रामनारायण द्विवेदी को उठा ले गई। इसके बाद जब सोमवार सुबह मृतका नीतू अपने बेटे नीरज के साथ पुलिस स्टेशन पहुंची तो पुलिस ने उससे द्विवेदी को छोड़ने के लिए एक लाख रुपये की मांग कर डाली। रुपये ना मिलने पर पुलिस ने नीतू के गले में पड़ी जंजीर और अंगूठी छीन ली और दुष्कर्म करने की कोशिश की। विरोध करने पर निलंबित पुलिस कर्मियों ने नीतू को आग के हवाले कर दिया। आग की लपटों में घिरी जब भागती हुई थाने के गेट पर पहुंची तो सिपाही हीरा यादव और पंकज द्विवेदी ने उसे लखनऊ के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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