- सेवायोजन कार्यालय गोरखपुर में रजिस्टर्ड महिला और विकलांग कैंडिडेट्स को नहीं मिल पा रही मनचाही जॉब

- दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही बेरोजगारों की संख्या, रोजगार मेला भी अब तक नहीं दिला सका जॉब

GORAKHPUR: सेवायोजन कार्यालय गोरखपुर विकलांग और महिला अभ्यर्थियों को रोजगार उपलब्ध नहीं करा पा रहा है. यह हम नहीं कह रहे बल्कि सेवायोजन कार्यालय गोरखपुर के आंकड़े यह बता रहे हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक पिछले चार सालों में रजिस्टर्ड होने वाले महिला और विकलांग बरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन इनमें से ज्यादातर कैंडिडेट्स को अब तक मनचाहे जॉब नहीं मिल सके. वहीं यहां तैनात अधिकारियों का दावा है कि रोजगार मेले के जरिए इन्हें जॉब दिलाने की कोशिश की जाती है.

चार सालों में जबरदस्त हुआ इजाफा

सेवायोजन कार्यालय गोरखपुर से मिली जानकारी के मुताबिक, ख्0क्क् में 8,0म्ख् महिला और ख्,क्0ब् विकलांग बेरोजगार रजिस्टर्ड हुए, लेकिन चार सालों में इनकी संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है. ख्0क्ब् में महिलाओं की संख्या बढ़कर 90,9क्ब् और विकलांगों की संख्या ख्,779 हो गई है. इस इजाफे के पीछे बताया जा रहा है कि ज्यादातर महिलाएं और विकलांग कैंडिडेट्स पहले के मुकाबले अब ज्यादा एजुकेटेड हैं. लेकिन उन्हें कहीं रोजगार नहीं मिला, इसलिए वह रोजगार के लिए सेवायोजन कार्यालय की शरण में आए, लेकिन हैरानी इस बात की है कि यहां रजिस्ट्रेशन के बाद भी इन्हें मनचाहे रोजगार नहीं मिले.

रोजगार मेले के थ्रू करते हैं इनका सेलेक्शन

सेवायोजन कार्यालय के अधिकारी बताते हैं कि बेरोजगारों के रोजगार के लिए हर साल रोजगार मेला का आयोजन किया जाता है. इस दौरान जो कैंडिडेट्स एलिजबल होता है उसे रोजगार मिलता है. सेवायोजन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, ख्0क्ब् में क्ख् रोजगार मेला लगाया गया. जिसमें क्,ब्क्8 कैंडिडेट्स में ख्78 को रोजगार मिला. वहीं ख्0क्फ् में कुल क्0 मेले लगाए गए, जिसमें ख्,म्ख्क् कैंडिडेट्स ने भाग लिया. इनमें म्ख्0 कैंडिडेट्स को रोजगार दिया गया.

यूं बढ़ते गए कैंडिडेट्स

सन वूमेंस फिजिकली चैलेंज्ड

ख्0क्ब् 90,9क्ब् ख्,779

ख्0क्फ् 90,79ख् ख्,7ब्8

ख्0क्ख् 87,ब्म्ब् ख्,म्90

ख्0क्क् 8,0म्ख् ख्,क्0ब्

सेवायोजन कार्यालय में महिला और विकलांग कैंडिडेट्स के रजिस्ट्रेशन की संख्या दिन ब दिन बढ़ते जा रहे हैं. इनके लिए रोजगार मेले का आयोजन कराया जाता है. जो एलिजिबल होते हैं उनका सेलेक्शन भी होता है.

शशीभूषण सिंह, सेवायोजन अधिकारी, गोरखपुर