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PATNA : पटना की सड़कों पर महिलाएं भी बड़ी संख्या में गाडि़यां चलाती दिख जाएंगी। इनमें से अधिकांश स्कूटी चलाती हुई आपको नजर आएंगी। लेकिन इन महिला चालकों में से बहुतों के पास ड्राविंग लाइसेंस नहीं होता। ऐसा नहीं है कि इन्हें ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में इंट्रेस्ट नहीं है लेकिन लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया की पूरी जानकारी नहीं होने और ट्रैफिक पुलिस द्वारा भी सख्ती नहीं दिखाने के कारण महिलाओं का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है। इस बात का प्रमाण संबंधित विभाग से मिल रहा है। जानकारी के अनुसार महिलाएं ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में पुरुषों की अपेक्षा काफी पीछे चल रही है। इस मुद्दे को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने परिवहन विभाग के अधिकारियों से बात की तो पता चला की महिलाओं के ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनवाने के दो कारण हैं पहला चेकिंग के दौरान महिला चालक से ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मांगना और दूसरा महत्वपूर्ण कारण महिलाएं लाइसेंस बनवाने के लिए लाइन में लगना नहीं चाहती है। आप भी पढि़ए कितनी महिला

चालक ने बनाया ड्राइविंग लाइसेंस

16 फीसदी का ही बना लाइसेंस

बिहार सरकार महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए विशेष सुविधा दे रही है। मगर आंकड़ों के अनुसार पटना में पिछले चार माह में जहां जितने लाइसेंस बने उनमें 83 फीसदी पुरुषों ने लाइसेंस बनवाए हैं वहीं महिलाएं 16 फीसदी पर अटकी हुई हैं।

चेकिंग के नाम पर खानापूर्ति

नाम न छापने की शर्त पर परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नियम बना दिए जाते हैं मगर चेकिंग का काम ट्रैफिक पुलिस करती है। चेकिंग के दौरान महिला चालक के साथ औपचारिकता पूरी की जाती है। महिलाओं के द्वारा रिक्वेस्ट करने पर पुलिस के सिपाही बिना चालान किए ही उन्हें छोड़ देते हैं जिससे उनका मनोबल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।