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VARANASI

महिलाओं के प्रति सरकार की उदार नीतियों के चलते समाज में जबर्दस्त बदलाव दिख रहा है। जमीन-जायदाद पर पुरुषों के स्वामित्व की परम्परा टूट रही है। शहर की आधी प्रॉपर्टी का मालिकाना हक आधी आबादी के पास है। इसके पीछे एक वजह प्रदेश सरकार से महिलाओं के नाम पर संपत्ति की रजिस्ट्री कराने पर स्टाम्प शुल्क में दस फीसद मिलने वाली छूट भी है। स्थानीय रजिस्ट्री आफिस के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले पांच साल के दौरान 228402 सम्पत्ति की रजिस्ट्रियां हुई हैं। जिसमें से 92173 रजिस्ट्री महिला के पक्ष में नाम हुई है।

पांच साल पहले रिकॉर्ड रजिस्ट्री

पिछले दो दशक से बनारस में प्रापर्टी की खूब खरीद-फरोख्त हो रही है। 2014 में वाराणसी से निर्वाचित सांसद नरेंद्र मोदी जब देश के पीएम बने तब यहां प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री बढ़ गयी। वित्तीय वर्ष 2014-15 में 50783 रजिस्ट्री हुई थी। इसमें 22100 रजिस्ट्री महिलाओं के नाम पर हुई थी, जो अब तक का रिकार्ड है। इतनी संख्या में पहले और बाद में कभी रजिस्ट्री नहीं हुई थी। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान कुल 48849 में से महिलाओं के नाम 20240 रजिस्ट्रियां हुई। वित्तीय साल 2016-17 की शुरुआत में रजिस्ट्री की संख्या काफी अच्छी थी, लेकिन अक्टूबर में नोटबंदी के बाद अचानक रजिस्ट्री धड़ाम हो गया। इस साल रजिस्ट्री की संख्या 41234 रही। इसमें महिला के नाम 14918 ही रजिस्ट्री हुई। वित्तीय वर्ष 2017-18 में स्थिति और खराब हो गई। इस साल सिर्फ 40557 सम्पत्तियों का खरीद-फरोख्त हुआ। जिसमें 16423 प्रॉपर्टी महिला के नाम पर हुआ। वित्तीय 2018-19 में फिर रफ्तार पकड़ी। इस साल 46979 प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री हुई, जिसमें महिलाओं के पक्ष में 18492 रजिस्ट्री।

कई तरह की छूट का लाभ

संपत्ति मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं के नाम पर संपत्ति खरीदकर टैक्स प्लैनिंग को जहां आसान बनाया जा सकता है तो वहीं कई तरह की छूट का लाभ भी हासिल किया जा सकता है। होम लोन में अपनी पत्नी को को-ऐप्लीकेंट बना सकते हैं। बशर्ते आपकी पत्नी कोई नौकरी या फिर अपना बिजनेस कर रही हो। ऐसा होने से आपकी आय में उनकी आय भी शामिल हो जाएगी। आय में इजाफा होने से आपको मिलने वाली होम लोन की रकम में भी इजाफा हो जाएगा। महिलाओं के नाम पर संपत्ति लेने में सबसे बड़ा फायदा रजिस्ट्री में मिलने वाली छूट है।

वर्जन

जब से स्टांप ड्यूटी में महिलाओं के लिए छूट के प्रावधान किए गए हैं तब से महिलाओं के नाम पर होने वाली संपत्तियों की रजिस्ट्री की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है। सामाजिक लिहाज से तो इस कदम से उन्हें गर्व होता ही है साथ ही आर्थिक स्वावलंबन की दृष्टि से इसे महत्वपूर्ण माना जा सकता है।

-अनिल सिंह, सचिव-क्रेडाई

पांच साल रजिस्ट्री का आंकड़ा

कुल रजिस्ट्री महिला के पक्ष में रजिस्ट्री वर्ष

50783 22100 2014-15

48849 20240 2015-16

41234 14918 2016-17

40557 16423 2017-18

46979 18492 2018-19

टोटल : 228402 92173

वर्तमान वित्तीय वर्ष अप्रैल से जुलाई तक 16871 रजिस्ट्री हुई