पुलिस वीक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा

-बोले, अपराधियों में दिखने लगा पुलिस का भय

-सोशल मीडिया पर नजर रखे पुलिस, कुछ लोग बिगाड़ रहे कानून-व्यवस्था

LUCKNOW: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सत्ता में आते ही यूपी जैसे विशाल आबादी वाले राज्य में कानून-व्यवस्था एवं अपराधों पर नियंत्रण बनाये रखने के लिए पुलिस को मानवीय दृष्टिकोण के साथ काम करना चाहिए। जन सहयोग के माध्यम से किसी भी अप्रत्याशित घटना को रोका जा सकता है। अब अपराधियों में पुलिस का भय दिखने लगा है, जो एक सभ्य समाज के लिए आवश्यक है। अच्छी कानून व्यवस्था के कारण ही 'इंवेस्टर्स समिट-2018' में उद्योगपतियों और निवेशकों ने यहां अपनी रुचि दिखायी। हिदायत दी कि पुलिस चौराहों पर नजर नहीं आती है। नसीहत दी कि ऐसा माहौल बनाएं कि दूसरे राज्य भी आपका अनुसरण करें। मुख्यमंत्री शुक्रवार को पुलिस वीक के तहत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

पुलिस की कार्यप्रणाली बदली

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत एक वर्ष में पुलिस की कार्यप्रणाली में सकारात्मक बदलाव आया है, जिसके परिणाम भी दिख रहे हैं। इसके बावजूद पुलिस की छवि में काफी सुधार किए जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जिस दिन से महिलाएं देर रात अकेले सुरक्षित अपने घर पहुंचने लगेंगी, यूपी पुलिस का नाम देशभर में मशहूर हो जाएगा। राज्य सरकार की नीति है कि अपराधी चाहे जितना भी सशक्त और प्रभावशाली हो, उसे दंडित कराने में कभी भी संकोच नहीं किया जाएगा। वर्तमान में यूपी में कानून का राज स्थापित हुआ है और अपराध डकैती, हत्या, लूट आदि में खासी कमी आयी है। सरकार महिलाओं एवं छात्राओं की सुरक्षा को लेकर संवेदनशील है। महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण हेतु 'एंटी रोमियो स्क्वायड' का गठन कर अभियान चलाने की व्यवस्था की गई। आम जनता के बीच सुरक्षा की भावना जागृत करते हुए पुलिस की मित्र छवि बनाए जाने एवं अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही किए जाने के उद्देश्य से, प्रतिदिन चेकिंग आदि की कार्यवाही के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों द्वारा कम से कम 60 मिनट फुट पेट्रोलिंग की जा रही है, जो सराहनीय है।

सरकार ला रही यूपीकोका

सीएम ने कहा कि संगठित अपराधियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के लिए सरकार 'यूपीकोका कानून' लाने जा रही है। वहीं साइबर क्राइम की चुनौती से निपटने के लिए पुलिस को तकनीकी दक्षता की आवश्यकता है। कहा कि समाज व राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर कानून-व्यवस्था संबंधी गंभीर समस्याएं पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है, इससे निपटने के लिए सोशल मीडिया पर निरन्तर निगरानी करते हुए प्रभावी कार्यवाही की जरुरत है। वहीं पुलिस के मनोबल को बढ़ाने के उद्देश्य से सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। अच्छा कार्य करने वाले पुलिस कर्मचारियों के उत्साहवर्धन हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रशंसा चिन्ह की संख्या को 200 से बढ़ाकर 950 किया गया है। शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों के परिजनों की अहेतुक सहायता राशि में वृद्धि करते हुए इसे 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 40 लाख रुपए कर दिया गया है। शहीद पुलिस कर्मियों के माता-पिता को दी जाने वाली सहायता को भी पांच लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया है।

त न माह में दी जाएगी नौकरी

म ख्यमंत्री ने कहा कि मृतक कर्मियों के आश्रितों को असाधारण पेंशन तथा दिवंगत पुलिस कर्मी की मृत्यु की तिथि से विलंबतम तीन माह के अन्तर्गत सेवायोजन का लाभ उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गये हैं। पुलिस कर्मियों के होनहार बच्चों की शिक्षा के लिए भी वित्तीय अनुदान दिया जा रहा है। लाइलाज बीमारियों के उपचार हेतु एसजीपीजीआई एवं जीवन रक्षा निधि में पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था की गई है। निजी भवन निर्माण हेतु अग्रिम धनराशि भी दी जा रही है। वहीं डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से अधिकारियों को अपने अनुभव साझा करने का अवसर प्राप्त होता है.इससे पहले डीजीपी ने मुख्यमंत्री को एक स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव राजीव कुमार, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार सहित पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।