ह्मड्डठ्ठष्द्धद्ब : दिल्ली में झारखंड की बेटियों का सौदा करने वाले ह्यूमन ट्रैफिकर्स को इसी राज्य की कुछ करोड़पति महिलाएं मदद कर रही हैं। इनका बाकायदा एक गिरोह है जो यहां की युवतियों को नौकरी अथवा पढ़ाने का झांसा देकर दिल्ली भेजने में सहयोग करते हैं और फिर यहां लगाने वाले मेले में उन्हें पेश किया जाता है, ताकि उसका सौदा किया जा सके। जो युवती इसका विरोध करती है उसे शारीरिक-मानसिक रुप से प्रताडि़त किया जाता है। संजीवनी बिल्डकॉन के निदेशक रहे श्याम गुप्ता की पत्नी सुमन गुप्ता के ह्यूमन ट्रैफिकिंग की मास्टरमाइंड प्रभा मुनि और रोहित मुनि से ताल्लुकात का मामला सामने आने से यह खुलासा हुआ। हालांकि, प्रभा मुनि का कहना है कि इस मामले में उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है। लेकिन, दूसरी तरह पुलिस के पास ऐसे कई सबूत हैं जो यह बताने के लिए काफी है कि वह पिछले 15 सालों से ह्यूमन ट्रैफिकिंग के धंधे से जुड़ी हुई है।

राजनीतिक दल में भी पैठ

मिली जानकारी के मुताबिक, इन ह्यूमन ट्रैफिकर्स का झारखंड के एक राजनीतिक दल में भी पैठ है। इस दल के कुछ नेता मानव तस्करी करने वालों को न सिर्फ संरक्षण देते हैं, बल्कि जरुरत पड़ने पर पुलिस-प्रशासन से बचाने का भी काम करते हैं। ऐसे में ये ह्यूमन ट्रैफिकर्स इन नेताओं के संरक्षण में यहां की बेटियों का सौदा दिल्ली में कर रहे हैं।

जमीन घोटाले में जेल जा चुका है श्याम

गौरतलब हो कि श्याम कुमार गुप्ता पूर्व में संजीवनी बिल्डकॉन का निदेशक रह चुका है। इस कंपनी द्वारा जमीन के कारोबार में हजारों निवेशकों का करोड़ों रुपए लेकर फरार हो जाने के मामले में श्याम जेल भी जा चुका है।

रोहित मुनि ने किया था ऑडियो में खुलासा

मानव तस्करी की जांच और अनुसंधान के नाम पर झारखंड पुलिस के बारे में ऑडियो में खुलासा किया था कि पुलिस केस के अनुसंधान में आती है तो मानव तस्करों से 50 हजार या एक लाख रुपए लेकर लौट जाती है रोहित मुनि ने कहा था कि झारखंड राज्य के सभी आला अधिकारियों से उसकी जान पहचान है। इतना ही नहीं, रांची में पदस्थापित एक अधिकारी की रिपोर्ट में उसे कहीं भी दोषी नहीं पाया गया है। फिर भी उसे दोषी बता कर मानव तस्करी का आरोपी बना दिया गया है। ऑडियो में इस बात का भी जिक्त्र है कि 2012 में भी झारखंड पुलिस दिल्ली आई थी।

सीआईडी की लिस्ट में भी रोहित का नाम

झारखंड की सीआईडी ने रांची, खूंटी,गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा समेत राज्य के अन्य हिस्सों से भोली भाली लड़कियों की तस्करी करने वाले मानव तस्करों, प्लेसमेंट एजेंसी संचालकों की लिस्ट तैयार की थी। इस लिस्ट में भी रोहित का नाम था। रोहित के बारे में सीआईडी व अन्य एजेंसियों को जो सूचनाएं मिली हैं। वह संपूर्ण घरेलू कामगार सर्वेक्षण एवं उत्थान समिति एवं संपूर्ण आदिवासी सांस्कृतिक उत्थान मंच के नाम से प्लेसमेंट एजेंसी चलाता है।