उलान उदे (रूस) (एएनआई)। शनिवार को खेले गए वुमेंस बाॅक्सिंग चैंपियनशिप सेमीफाइनल में भारतीय महिला बाॅक्सर मैरीकाॅम को करारी हार मिली है। मैरी को इस मुकाबले में तुर्की की मुक्केबाज Busenaz Cakiroglu के हाथों 1-4 से हार का सामना करना पड़ा। इस शिकस्त के बाद मैरीकाॅम का सातवां गोल्ड मेडल जीतने का सपना भी टूट गया।  

अब ब्रांज मेडल से करना पड़ेगा संतोष
मैरीकॉम को इस हार के बाद अब ब्रांज मेडल से संतोष करना पड़ेगा। इससे पहले छह बार विश्व चैंपियनशिप का गोल्ड मेडल हासिल करने वाली मैरी रैफरी के फैसले से निराश नजर आई। इससे पहले सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ ही मैरी आठवां मेडल पक्का कर इतिहास रचा था। भारत को अपनी इस स्टार मुक्केबाज से सातवें गोल्ड मेडल की उम्मीद थी। मैच में मैरी ने बेहद शानदार खेल दिखाया लेकिन फिर भी वह फाइनल में पहुंचने से नाकाम रही।


आठ मेडल जीतने वाली पहली बाॅक्सर बनेंगी
मैरी कॉम ने टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे सफल मुक्केबाज के रूप में अपना खुद का रिकॉर्ड सुधार लिया। टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले उनके पास 48 किग्रा वर्ग में छह गोल्ड और एक सिल्वर सहित सात मेडल थे। यह पहला मौका है जब मणिपुरी मुक्केबाज ने 51 किग्रा वर्ग में विश्व पदक हासिल किया है। अपने 8 वें पदक के साथ मैरी कॉम ने क्यूबा के फेलिक्स सैवन को भी पीछे छोड़ दिया जिनके पास टूर्नामेंट में सात पदक और आयरलैंड के केटी टेलर, जिनके करियर में 6 विश्व पदक थे। इस लिस्ट में सबसे पहला नाम अब मैरीकाॅम का आ जाएगा जिनके नाम अब आठ मेडल हो जाएंगे।