पारिवारिक विवाद से तंग आकर खुल्दाबाद की महिला ने पीएम को पत्र लिखकर मांगी इच्छा मृत्यु

PMO से आए लेटर के बाद पुलिस और जिला प्रशासन में मचा हड़कम्प

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ALLAHABAD: खुल्दाबाद इलाके की रहने वाली एक महिला ने प्रधानमंत्री से पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। महिला ने यह कदम किसी बीमारी या अपंगता के चलते नहीं बल्कि अपनी दो ननदों से तंग आकर उठाने का फैसला लिया है। करीब डेढ़ साल बाद पीएमओ ने इस लेटर को नोटिस लिया और प्रदेश सरकार को फारवर्ड किया तो इलाहाबाद में बैठे अफसर सन्नाटे में आ गए। पीएमओ दफ्तर की तरफ से जवाब मांगे जाने पर अब तक कन्नी काटते रहे अफसर अब महिला का पता पूछते नजर आने लगे हैं।

घर का झगड़ा आया सड़क पर

खुल्दाबाद थाना क्षेत्र के काला कांडा की रहने वाली इस महिला ने दिसम्बर 2015 में परिवारिक विवादों के चलते प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा था। महिला का कहना है कि उसके पति की तैनाती फतेहपुर में है। वह सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट में हैं। वह बच्चों के साथ खुल्दाबाद में रहती है। पति काम के चलते घर कम ही आ पाते हैं। उसकी दो ननदें हैं। दोनों की शादी हो चुकी है और दोनों का भरा-पूरा समृद्ध परिवार है। महिला का आरोप है कि उसकी ननदों की नजर उसके पति की सम्पत्ति पर लग गई और दोनों उसमें हिस्सा चाहती हैं। इसे लेकर अक्सर वह उसे उत्पीडि़त करती हैं। घर का झगड़ा सड़क पर न आए इसके चलते वह खामोश रही लेकिन हर दिन होने वाले उत्पीड़न से आजिज आकर वह अपना मानसिक संतुलन खो चुकी है। बच्चों की परवरिश पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसी के चलते वह इच्छा मृत्यु चाहती है।

घर की स्थिति बताते हुए रो पड़ी

पीएमओ से पूछताछ होने की जानकारी मिलने पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने महिला को ढूंढ निकाला और असलियत जानने के लिए उसके घर पहुंचा। पहले महिला ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। बाद में वह बताने को तैयार हो गई लेकिन नाम न छापने की शर्त पर। परिवार की बात शुरू होते ही उसकी आखों से आंसू छलक पड़े। बताया कि वह जिस घर में रहती है वह बहुत ही छोटा है। 2015 में सास की बीमारी से मौत के बाद दोनो ननदें आ धमकीं और मकान पर अपना हक जताने लगी। इस पर कई बार उनसे मिन्नतें भी की मगर दोनों कुछ भी सुनने को तैयार नहंी थी। पति समेत मुझे भी काफी बुरा भला कहा। यह भी कहा कि चाहे जो कर लोग मकान में हम अपना हक लेकर रहेंगे। दोनों मुझे इस कदर परेशान किया मैं बिल्कुल से पागल हो गई। रोज आकर झगड़ा करती और मुझे और मेरे बच्चों के साथ गाली गलौज करती। जबकि दोनों अपने ससुराल में हर तरह से मजबूत हैं। इस वजह से मेरी मानसिक स्थित बिगड़ गई। इनसे लड़ते हुए थक गई और कोई चारा नहीं नजर आया तो पीएम को पत्र लिख दिया। लेकिन वहां से पत्र आने में इतनी देरी हो गई कि मुझे थकहार कर हालात से समझौता करना पड़ गया। मैं अब पूरी तरह से हार चुकी हूं। अब मैं उनसे लड़ना नहीं चाहती।