नई दिल्ली (आईएएनएस) इन दिनों बड़ी संख्या में कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम का ऑप्शन दे रही हैं। इसी बीच, अनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के आशुतोष लिमये ने कहा है कि कम से कम दो तिमाहियों के लिए कंवेंशनल ऑफिस स्पेस की मांग कुछ हद तक प्रभावित होने की संभावना है। हालांकि, उन्होंने कहा कि घर से काम करना एक सॉल्यूशन नहीं है क्योंकि कई कार्यों के लिए अभी भी कर्मचारियों को कार्यालय की सेटिंग में काम करने की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि काम के एक बड़े हिस्से को निरंतर निगरानी और प्रोफेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता होती है जो केवल एक कार्यालय सेटिंग प्रदान कर सकती है।

रियल एस्टेट के कामों को ज्यादा नुकसान

अनारोक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स में कंसल्टिंग विभाग में डायरेक्टर व हेड लिमये ने कहा कि कोरोना वायरस ने भारत में रियल एस्टेट के कामों को बहुत पीछे धकेल दिया है, इसने प्रोपेर्ट के कामों को कम से कम दो तिमाहियों तक प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि इस वक्त लॉकडाउन स्थिति के कारण, अधिक से अधिक कंपनियां अपने कर्मचारियों को महंगे कार्यालय में काम करने के बजाय घर से काम करने का ऑप्शन दे रही हैं। इसके अलावा, उन्होंने घर से काम करने के फायदे को रेखांकित करते हुए कहा कि इस तरह के कदम उठाकर कंपनियां ऑफिस स्पेस ऑक्यूपेंसी पर होने वाले खर्चों को बचा रही हैं, साथ ही इससे उन्हें प्रोडक्टिविटी बढ़ाने में भी मदद मिल रही है क्योंकि कर्मचारी घर से काम करके उस समय को बचा रहे हैं, जो हर रोज वह ऑफिस आने-जाने में खर्च करते हैं।

व्यापार प्रोत्साहन के बाद किसी भी काम को मिलेगी मजबूती

लिमये ने कहा कि दूसरी ओर, ट्रेडिशनल ऑफिस अभी किरायेदारों और जमींदारों दोनों के लिए चिंता का एक स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि जब सरकार का ध्यान आर्थिक विकास की ओर लौटेगा और यह व्यापार-प्रोत्साहन को बढ़ावा देगी, तभी वाणिज्यिक कार्यालय स्थानों की किस्मत को जल्दी से मजबूत करेगा।

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