रिसर्च पेपर के राइटर फ्रेंच और को राइटर पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के सराह दमस्क ने 1978 से 1995 के बीच मां बनने वाली 2,540 महिलाओं के परीक्षण से जुटाए डाटा से यह कंक्लूजन निकाला है. उन लोगों ने परीक्षण में पाया कि जो महिलाएं डिलवरी के जुरंत बाद फुल टाइम काम पर वापस लौंटीं उनका मेंटल, फिजिकल हेल्थ काफी काफी अच्छा था. उनमें 40 की एज तक ज्यादा एनर्जी और काफी कम डिप्रेशन पाया गया.

Housewife Vs working lady

प्रेगनेंसी के पहले जॉब, स्पीशि, पहला बच्चा की डिलीवरी के टाइम ऐज, सिंगल मदर, हेल्थ कंडीशंस आदि के बेसिस पर की गई रिसर्च के रिजल्ट्स बताते हैं कि जिन लेडीज ने जितनी जल्दी अपने करियर की शुरुआत की उनकी हेल्थ उम्र के अगले स्टेज पर उतनी ही बेहतर रही.  

फ्रेंच कहते हैं, ‘रिसर्च के रिजल्ट्स बताते हैं कि काम करना फिजिलकल और मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा है. यह लेडीज को एक ऐम और फ्रीडम प्रोवाइड करता है.’ दूसरी ओर पार्ट टाइम काम करनेवाली मदर्स में इसकी भारी कमी देखी गई. लेकिन कम सैलेरी, प्रोमोशन के कम मौके और इनसिक्योरिटी का असर उनके फिजिकल-मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालता है. वहीं घर पर रहनेवाली मदर्स सोशली बहारी दुनिया से कटी रहती हैं और अपनी फाइनेनशल जरूरतों के लिए दूसरों पर डिपेंड रहती हैं. यह उनके फिजिकल हेल्थ को इफेक्ट करती हैं और मेंटल टेंशन का कारण बनती हैं. फ्रेंच यंग लेडीज को यह एडवाइस देते हैं कि वे मां बनने के पहले पढ़ाई पूरी करने के साथ साथ जॉब एक्सपीरियंस ले लें.