नई दिल्ली (एएनआई)। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स प्रोग्राम की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमें आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। इसके साथ ही देश में करीब 1 लाख फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स तैयार करने का अभियान शुरू हो रहा है। पीएम ने कहा कि कोरोना महामारी से लड़ने वाले मौजूदा टास्क फोर्स का सपोर्ट करने के लिए 1 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। यह कोर्स 2-3 महीने में पूरा हो जाएगा। इसलिए ये लोग भी तुरंत काम के लिए उपलब्ध होंगे। यह क्रैश कोर्स कार्यक्रम न केवल कोविड के खिलाफ लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों को नई ऊर्जा देगा, बल्कि युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा।

ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग के साथ स्टाइपेंड भी दिया जाएगा

फ्रंटलाइन वर्कर्स के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत अभ्यर्थियों को नि:शुल्क प्रशिक्षण, स्किल इंडिया सर्टिफिकेट, भोजन एवं आवास की सुविधा, ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग के साथ स्टाइपेंड और प्रमाणित अभ्यर्थियों को 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि 45 वर्ष से कम आयु के लोगों को कोविड-19 टीकाकरण के लिए वही ट्रीटमेंट मिलेगा जो 21 जून से 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए है। इस लॉन्च के मौके पर केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे और धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद थे।

छह कार्यों से जुड़ी विशिष्ट भूमिकाओं के बारे में मिलेगी ट्रेनिंग

कार्यक्रम का उद्देश्य देश भर में एक लाख से अधिक कोविड योद्धाओं को कौशल प्रदान करना है। होम केयर सपोर्ट, बेसिक केयर सपोर्ट, एडवांस केयर सपोर्ट, इमरजेंसी केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट और मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट जैसी छह कस्टमाइज जाॅब में कोविड योद्धाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस संबंध में पीएमओ ने कहा कि इस कार्यक्रम को 276 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना तृतीय के केन्द्रीय घटक के तहत एक विशेष कार्यक्रम के रूप में तैयार किया गया है।

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