- बढ़ गई वाहनों की संख्या, घट गई आरटीओ में पीटीओ और एआरटीओ की संख्या

- सौ प्रतिशत लक्ष्य पाना बना टीम के लिए चुनौती

GORAKHPUR: गोरखपुर में हर साल एक लाख से भी ज्यादा वाहन बढ़ जा रहे हैं। सभी वाहन ट्रैफिक नियमों का पालन सही ढंग से करें इसकी जिम्मेदारी आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस के जिम्मे है। आरटीओ टीम को शहर के बाहर मेन सड़कों पर हादसे रोकने के मकसद से मनमानी करने वालों पर नकेल कसने के लिए तैनात किया जाता है। आरटीओ टीम को ओवरलोड, अनफिट वाहन और सड़क पर बिना टैक्स जमा किए फर्राटा भरने वाली गाडि़यों पर कार्रवाई करनी होती है। इतना सबकुछ होते हुए भी कई साल से गोरखपुर आरटीओ की चेकिंग टीम ही पूरी नहीं हो सकी जिसका इफेक्ट चेकिंग पर भी पड़ रहा है।

खाली हैं कई पद

आरटीओ में एक आरटीओ इंफोर्समेंट और दो पीटीओ के पद काफी समय से खाली चल रहे हैं। इस समय एक पीटीओ और एक एआरटीओ की दो टीमें ही चेकिंग के लिए जाती हैं। शहर बड़ा होने के चलते दो टीमें हर तरफ अपनी निगाहें नहीं घुमा पाती हैं। जिसकी वजह से ओवरलोड वाहन बेधड़क गोखपुर की सड़कों को रौंदते हुए निकल जाते हैं। यही नहीं अनफिट वाहन भी सड़क पर दौड़ रहे हैं जिनपर कार्रवाई नहीं हो पाती है।

पूरा नहीं करते पाते टारगेट

आरटीओ की टीम कम लोगों में अच्छा काम करती है लेकिन शासन से तय लक्ष्य का म्भ् प्रतिशत ही काम पूरा कर पाती है। इसका कारण टीम छोटी होना है। एआरटीओ का एक महीने का लक्ष्य शासन ने फ्0 लाख रुपए तय किया है। जिसके मुकाबले गोरखपुर की टीम ख्0 से ख्ख् लाख रुपए की राजस्व वसूल कर पाती है। लिहाजा टीम की कमी से हर महीने राजस्व का नुकसान होता है।

इस पर काम करती टीम

आरटीओ टीम को बिना टैक्स जमा किए चल रहे वाहनों को पकड़कर राजस्व वसूल करना होता है। इसके साथ ही अनफिट वाहन और ओवरलोड वाहनों पर लगाम लगानी होती है।

नेपाल से सटा इलाका

गोरखपुर से नेपाल बॉर्डर सटा हुआ है। इस कारण ये एरिया संवेदनशील माना जाता है। इसलिए गाडि़यों की चेकिंग इस एरिया में बहुत जरूरी है। जिसमें आरटीओ टीम मेन पावर में कमजोर पड़ रही है।

एआरटीओ का लक्ष्य- प्रतिमाह फ्0 लाख

राजस्व वसूली करते- ख्0-ख्ख् लाख

पीटीओ के पद खाली - ख्

आरटीओ इंफोर्समेंट का पद खाली - क्

वर्जन

टीम बहुत अच्छा काम कर रही है। दो पीटीओ के पद खाली चल रहे हैं। इसे भर लिया जाता तो और अच्छा काम होता।

डीडी मिश्रा, आरटीओ प्रवर्तन