जमशेदपुर : झारखंड में जनवरी 2020 से गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में नई रिटर्न पॉलिसी लागू होने वाली है। उसका डेमो वर्सन डीलर्स को सितंबर 2019 से ही जीएसटी पोर्टल में दिखने लगेगा। इसके बाद रिटर्न मिसमैच व टैक्स की चोरी पूरी तरह से बंद हो जाएगी। सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने शुक्रवार दोपहर चैंबर भवन में जीएसटी पर एक दिवसीय कार्यशाला की। इसे संबोधित करते हुए जीएसटी सचिव सह आयुक्त प्रशांत कुमार ने ये बातें कहीं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विक्रेता माल बेचने के बाद जीएसटीआर-1 फाइल कर देता है लेकिन टैक्स पेमेंट नहीं करता। ऐसे में माल बेचने वाले को जीएसटीआर-2 में खरीदने वाले माल की विवरणी देखकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) तो क्लेम कर लेता है, लेकिन बाद में उन्हें परेशानी होती है। इन सब परेशानियों का जल्द ही समाधान होने जा रहा है। उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था के तहत जब तक विक्रेता टैक्स पेमेंट नहीं करेगा, उसके द्वारा माल बेचने की विवरणी अपलोड नहीं होगी।

एक्सप‌र्ट्स ने बताई बारीकियां

इस मौके पर जीएसटी विशेषज्ञ ब्रजेश कुमार व स्टेट जीएसटी पदाधिकारी श्रवण प्रजापति ने जीएसटीआर-9 की बारीकियों से सभी का परिचय कराया। दोनो विशेषज्ञों ने विभिन्न केस स्टडी के माध्यम से जीएसटी के वार्षिक रिटर्न में आने वाले परेशानियों के निराकरण का रास्ता व्यवसासियों, उद्यमियों, टैक्स प्रैक्टिसनर और चार्टर्ड एकाउंटेंट को सुझाया। इस मौके पर मंच संचालन चैंबर के वित्त एवं काराधन सचिव राजीव अग्रवाल ने किया। कार्यशाला में अध्यक्ष अशोक भालोटिया, पूर्व अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया, उपाध्यक्ष भरत वसानी, दिनेश चौधरी, नितेश धूत, सचिव महेश सोंथालिया, अंकित अग्रवाल, पीयूष चौधरी सहित विभिन्न एसोसिएशन के सदस्य उपस्थित थे।

कर समाधान स्कीम की अपील

कार्यशाला के दौरान कुछ उद्यमियों ने कर्नाटक और पश्चिम बंगाल की तर्ज पर झारखंड में भी कर समाधान स्कीम प्रभावी करने की मांग की। कहा कि इसके आने से विभिन्न कोर्ट में लंबित कई छोटे-बड़े मामलों का समाधान हो जाएगा और राज्य सरकार को टैक्स में भी वृद्धि होगी। इस पर आयुक्त ने आश्वासन दिया कि बहुत जल्द राज्य में इस स्कीम को प्रभावी किया जाएगा।

इन्होंने पूछे सवाल

-पुराने वैट एक्ट व जीएसटी में कर समाधान स्कीम की अधिसूचना जल्द प्रभावी हो : टाटा स्टील प्रतिनिधि।

-किसी विक्रेता ने टैक्स नहीं देने पर क्रेता को पेनाल्टी नहीं लगना चाहिए: संतोष खेतान, उद्यमी

-रिफंड पॉलिसी को सरलीकरण बनाने की आवश्यकता है। साथ ही जीएसटी में डीलर्स की कम्प्लायंस रेटिंग को भी जल्द प्रभावी करना चाहिए। -अरुण प्रकाश, टाटा कमिंस