कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। World Asteroid Day 2021: 30 जून को दुनिया भर के लोगों को एस्टेराॅइड (क्षुद्रग्रह / अप्रधान ग्रह ) और इसके खतरनाक प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए यह एस्टेराॅइड डे मनाया जाता है। इसको इंटरनेशनल एस्टेराॅइड डे के रूप में भी जाना जाता है। यह हमारे सौर मंडल में एस्टेराॅइड्स द्वारा निभाई गई भूमिका और महत्व को रेखांकित करता है। इस दिन की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा 2016 में की गई थी और 30 जून को एस्टेराॅइड डे के रूप में घोषित किया गया था। एस्टेराॅइड के बारे में लोगों को बताने और जागरुक करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

जानें वर्ल्ड एस्टेराॅइड डे का इतिहास व महत्व
रूस स्थित साइबेरिया में तुंगुस्का नदी के करीब 30 जून, 1908 में एक बड़ा विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट को तुंगुस्का प्रभाव कहा गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक ये एस्टेराॅइड इतना खतरनाक था कि इससे 2,150 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले लगभग 80 मिलियन पेड़-पौधे तबाह हो गए थे। इस घटना की याद में ही हर साल 30 जून को यह दिन मनाया जाता है। एस्टेराॅइड से होने वाले खतरों के बारे में लोगों को जानकारी देकर उनकी जागरूरकता बढ़ाने का प्रयास किया जाता है।

एस्टेरॉइड की पहली खोज 1801 में हुई थी
एस्टेराॅइड खगोलीय पिंड होते है जो ब्रह्माण्ड में विचरण करते रहते है। यह अपने आकार में ग्रहों से छोटे और उल्का पिंडों से बड़े होते हैं। नासा के अनुसार, लगभग 994,383 ज्ञात एस्टेरॉइड्स की गिनती है, जो 4.6 अरब साल पहले सौरमंडल के निर्माण से प्राप्त अवशेष हैं। एस्टेरॉइड की खोज सबसे पहले 1801 में हुई थी जिसे अब तक का सबसे बड़ा एस्टॉराइड सर्च माना जाता है। एस्टेराॅइड तीन वर्गों में विभाजित हैं और इनकी स्थिति अधिकांशतः मंगल और बृहस्पति के बीच पाई जाती है।

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