नई दिल्ली (पीटीआई)। पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। भारत में भी पर्यावरण को लेकर सरकार काफी सतर्क है। यही वजह है आज वर्ल्ड इनवाॅयरमेंट डे पर केंद्र सरकार ने पर्यावरणीय क्षमताओं को बढ़ाने के लिए शहरी क्षेत्रों में ग्रीनरी एरिया को बढ़ाने की बात कही।केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को कोविड-19 के कारण वर्चुअल इवेंट के जरिए विश्व पर्यावरण दिवस को सेलीब्रेट किया।

वर्चुअल इवेंट के दौरान प्रोग्राम लाॅन्च

विश्व पर्यावरण दिवस 2020 के वर्चुअल इवेंट के दौरान, 'प्रकृति और जैव विविधता' के रूप में थीम पर आधारित, जावड़ेकर ने भारत भर में 200 निगमों और शहरों के साथ नगर वन या शहरी वन का शुभारंभ किया। जिसमें लोगों से अपने क्षेत्रों में सक्रिय रूप से भाग लेने और वृक्ष के आवरण को बढ़ाने का आग्रह किया। जावड़ेकर ने कहा, 'हमारी जिदंगी प्रकृति से जुड़ी है। ग्रामीण क्षेत्रों में जंगल हैं लेकिन शहरी क्षेत्रों में उतना नहीं है। हमने आज 200 वन निगमों के साथ नगर वन कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है।

फेफड़ों का काम करते हैं पेड़

पर्यावरण मंत्री ने आगे कहा, 'वन शहरी फेफड़ों के रूप में काम करते हैं। मैं लोगों से मिलकर काम करने और इसे लोगों का आंदोलन बनाने की अपील करता हूं। हम इसमें भाग लेने वाले लोगों को पुरस्कृत करेंगे और इसे सफल बनाएंगे। वृक्षारोपण करें और उनकी संख्या बढ़ाएं क्योंकि वे ऑक्सीजन टैंक हैं।" इस समारोह में पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो भी मौजूद थे, जिन्होंने कहा कि सरकार ने इस साल 145 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा है।

इस वर्ष का लक्ष्य 145 करोड़ पेड़ लगाने का

सुप्रियो ने कहा, 'वृक्षारोपण एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। वृक्षारोपण के लिए इस वर्ष का लक्ष्य 145 करोड़ पेड़ लगाने का है। हमें वनों की रक्षा करने और प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग को कम करने के लिए एक गंभीर प्रतिज्ञा लेनी चाहिए। धरती और प्रकृति ने ऐसे संकेत दिए हैं, जिनकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।' उन्होंने यह भी कहा कि यदि सभी लोग प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें, तो इन प्रयासों को दूर किया जा सकता है।

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