RANCHI: दिल की बीमारी का नाम सुनते ही लोगों के होश उड़ जाते हैं। वे यह नहीं समझ पाते कि अब उनकी लाइफ कितनी है। इस चक्कर में वे जाने-अनजाने स्ट्रेस लेकर अटैक को आमंत्रण दे देते हैं। वहीं यूथ भी अब इससे अछूते नहीं है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दिल के 100 मरीजों में यूथ की संख्या 30 है। जिनका दिल बीमार हो चुका है और उसे इलाज की जरूरत है। अब तो ठंड ने भी दस्तक दे दी है। ऐसे में लोगों को अपने दिल को संभालकर रखना होगा। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ही इस साल व‌र्ल्ड हार्ट फेडरेशन ने भी गाइडलाइन जारी कर दी है।

लाइफस्टाइल बिगाड़ रही सेहत

दिल के मरीजों की संख्या बढ़ने में जहां फैमिली हिस्ट्री, कॉलेस्ट्रोल, मोटापा, डायबिटीज का जितना रोल है। उससे ज्यादा लोगों की बदलती लाइफ स्टाइल दिल की सेहत बिगाड़ने में विलेन का रोल निभा रही है। सुबह से लेकर रात तक यूथ का कोई शेड्यूल ही नहीं है। इस वजह से वे दिन की बीमारी से ग्रसित होते जा रहे है।

ये है लक्षण तो हो जाए अलर्ट

-कान के नीचे नाभि से उपर दर्द

-बांह में दर्द महसूस होना

-ठुड्डी में दर्द को न करें इग्नोर

-चलने के दौरान सांस फूलना

-चलने के समय डकार आना

इनसे रहें दूर

-स्मोकिंग

-जंक फूड

-मटन

-अंडा

-स्पाइसी

दर्द को न करें इग्नोर

-एसिडिटी का दर्द सीने में एक खास बिंदु पर चुभता महसूस होता है

-एंजाइना का दर्द अगर छाती के बीच में भारी दबाव, घबराहट, सांस रुकी सी लगे

-हार्ट अटैक का दर्द सीने के बीचोंबीच तेज दर्द लेफ्ट बाजू की ओर बढ़ता महसूस हो

इन बातों का रखें ध्यान

-स्मोकिंग न करें

-लोअर बीपी 80 से कम

-फास्टिंग शुगर 80 से कम

-कॉलेस्ट्रॉल 200 या इससे कम

-45 मिनट सैर और एक्सरसाइज

-टेंशन को हावी न होने दें

डॉक्टर सेज

कोई भी लक्षण दिखे तो उसे बिल्कुल भी इग्नोर न करें। चूंकि कई बार लोग इसे गैस का दर्द समझकर छोड़ देते है। लेकिन यह अटैक का लक्षण हो सकता है। इसलिए तत्काल कार्डियोलॉजिस्ट से कंसल्ट करें।

डॉ। हेमंत नारायण, कार्डियोलॉजिस्ट, रिम्स

लोग एसिडिटी की दवा ले लेते है। जिससे दर्द कम हो जाता है और डॉक्टर टेस्ट कराने को नहीं कहता तो मरीज खुश होता है। लेकिन किसी भी तरह का दर्द नाभि से ऊपर व कान के नीचे हो तो इसीजी करा लेना चाहिए।

डॉ.राजेश कुमार झा, कार्डियोलॉजिस्ट, अर्टमिस हार्ट सेंटर, राज हॉस्पिटल

सर्वाइवल केस

34 साल के लाल बाबू को कोई समस्या नहीं थी। सीने में हल्की दर्द की शिकयत लेकर वह राज हॉस्पिटल पहुंचे। जहां डॉक्टर उन्हें टेस्ट के लिए कैथलैब में लेकर गए। वहां पहुंचते ही बेहोश होकर गिर पड़े। डॉक्टरों ने तत्काल उनकी एंजियोग्राफी की तो उनके होश उड़ गए। लाल के तीनों आर्टरी ब्लॉक थे। लेकिन डॉक्टर राजेश ने समय रहते उनकी आर्टरी को खोला और एक नया जीवन दान दिया। आज लाल को भरोसा ही नहीं है कि हार्ट की तीनों आर्टरी ब्लॉक होने के बावजूद वह इस दुनिया में सांस ले रहे है।