ऐसी है जानकारी
उधर, दूसरी ओर कंबोडिया की सीमा के पास से गिरफ्तार किए गए यूसुफ मिराली ने बम बनाने की बात को कबूल किया है और बताया है कि धमाके का मास्टरमाइंड थाइलैंड से भाग चुका है। गौरतलब है कि 17 अगस्त को हुए धमाके में 14 विदेशी सहित 20 लोगों की मौत हो गई थी और सौ से ज्यादा घायल हो गए थे। बताया जा रहा है कि मिराली के पास से चीन का पासपोर्ट भी बरामद हुआ है। इस पर जन्मस्थान के तौर पर चीन का उइगर मुस्लिम बाहुल्य शिजियांग प्रांत का उल्लेख किया गया है। वहीं, इस मामले में सबसे पहले गिरफ्तार किए गए तुर्क नागरिक एडम कारदाग उर्फ बिलाल मोहम्मद को सैन्य हिरासत से जेल भेज दिया गया है।

खास रिपोर्ट में बताया गया ये
एक खास रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से ये बताया गया है कि सीसीटीवी फुटेज में एक विदेशी संदिग्ध के साथ बात करते नजर आने के बाद भारतीयों को हिरासत में लिया गया है। रविवार रात मीनबुरी जिले में एक अपार्टमेंट पर छापेमारी के बाद दोनों को पूछताछ के लिए ले जाया गया। दोनों भारतीय उस कमरे के बगल वाले कमरे में रह रहे थे, जहां पिछले दिनों पुलिस को बम बनाने की सामग्री मिली थी। मामले में कमरे में रहने वाले विदेशी नागरिक और कमरे को किराए पर लेने वाली थाइलैंड की महिला की भी तलाश है।

मिराली ने पूछताछ में बताया
पूछताछ में मिराली ने बताया है कि इस धमाके का मास्टरमाइंड इजान नाम का एक शख्स है। उसने बताया कि धमाके से एक दिन पहले इजान थाइलैंड से चीन और फिर वहां से बांग्लादेश चला गया। मिराली ने ये भी बताया है कि धमाके से जुड़े लोगों को इजान व्हाट्सएप के जरिए निर्देश देता रहता था। उसके कहने पर ही मिराली ने बम बनाने की सामग्री खरीदी और बम तैयार होने के बाद उसे एक बैग में रखकर लामफोंग रेलवे स्टेशन के पास एक शख्स को सौंप दिया। बम लेने वाला व्यक्ति मंदिर के पास सीसीटीवी कैमरों में नजर आने वाला पीली टी-शर्ट पहना संदिग्ध ही था। इतना ही नहीं मिराली को धमाके का पूरा वीडियो तैयार करने  का भी निर्देश मिला था, लेकिन गिरफ्तारी के डर से उसने ऐसा नहीं किया।

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