RANCHI: टोबैको चबाने से कई तरह की बीमारियां होती हैं। यह जानते हुए भी लोग इसे चबाना नहीं छोड़ते। इसके बाद एक समय ऐसा आता है कि जब वे गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। वहीं कई लोग मानसिक रूप से बीमार भी हो जाते हैं। लेकिन अब टोबैको चबाने वालों को कोरोना होने का सबसे अधिक खतरा है। ये कहना है सीआईपी साइकियाट्री डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुरजीत प्रसाद का। उन्होंने यह भी कहा कि टोबैको चबाने वाले लोगों के बीच कोरोना संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा है।

तंबाकू को कहें ना

उन्होंने कहा कि सीआईपी में इलाज के लिए आने वाले 100 मरीजों में से 70 पेशेंट्स टोबैको चबाने वाले होते हैं, जिनका इलाज और आदत छुड़ाने में डॉक्टरों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इसलिए खुद को फिट रखने के लिए तंबाकू को ना कहें। बताते चलें कि झारखंड में भी स्थिति कुछ ठीक नहीं है। इसलिए सरकार ने एक साल के लिए राज्य में टोबैको को बैन कर दिया है।

जागरुकता ही है बचाव

हर साल 31 मई को नो टोबैको डे यानी विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इसका एकमात्र उद्देश्य होता है कि लोग टोबैको या इसके उत्पादों का उपभोग न करें। साथ ही इससे होने वाले स्वास्थ्य नुकसान के विषय में भी जागरूक किया जाता है। डब्ल्यूएचओ ने इस साल का थीम रखा है युवाओं को इंडस्ट्री के हथकंडे से बचाना और उन्हें तंबाकू और निकोटीन के इस्तेमाल से रोकना। इसके अलावा डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में टोबैको की वजह से दुनिया भर में हर साल 80 लाख मौतें हो रही हैं। जबकि भारत में यह आंकड़ा लगभग 10 लाख है। पुरुषों में 50 व महिलाओं में 25 परसेंट कैंसर की वजह भी टोबैको ही है। इसके अलावा कैंसर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, अस्थमा की भी चपेट में लोग आ जाते हैं।