- 70 परसेंट से ज्यादा स्मोकर्स के फेफड़े कमजोर

- 48 परसेंट हार्ट की प्रॉब्लम स्मोकिंग

- 4 से 6 माह में स्मोकिंग से कमजोर हो रहे लंग्स

- हर 6 माह में कराएं लंग्स की जांच

- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने केजीएमयू के डॉक्टर्स के साथ जांची लखनवाइट्स के फेफड़ों की क्षमता

 

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LUCKNOW : दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से व‌र्ल्ड नो टोबैको डे के उपलक्ष्य में हजरतगंज स्थित पहल डिजाइन कोचिंग और ग्रेविटी कोचिंग सेंटर में पल्मोनरी चेकअप कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें केजीएमयू के रेस्पीरेटरी मेडिसिन के डॉ. सूर्यकांत व उनकी टीम ने सिप्ला की टीम के साथ लंग फंक्शन टेस्ट किया. जांच से पता चला कि स्मोकिंग या अन्य कारणों से 70 फीसद से अधिक युवाओं के फेफड़े कमजोर हो रहे हैं, जिस पर डॉक्टर्स ने उन्हें स्मोकिंग छोड़ने की सलाह दी.

 

पहल डिजाइन कोचिंग

हजरतगंज स्थित पहल डिजाइन कोचिंग में युवाओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया, लेकिन यहां पर ब्वॉयज हो या ग‌र्ल्स ज्यादातर की जांच के बाद फेफड़े कमजोर निकले. कुछ युवाओं ने स्मोकिंग करने की बात भी स्वीकर की. कुछ लोग टोबैको के कारण क्रोनिक बीमारी से जूझ रहे थे, जिन्हें डॉक्टर्स ने टोबैको छोड़ने की सलाह दी. यहां पर केजीएमयू के रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ. सूर्यकांत के निर्देशन में डॉ. मो. तारिक और डॉ. अमान लतीफ ने युवाओं की जांच की. जांच के दौरान जिनके फेफड़े कमजोर मिले उन्हें डॉक्टर्स ने छह माह में एक बार जांच कराने की भी सलाह दी.

 

ग्रेविटी कोचिंग

डॉ. तारिक और डॉ. अमान की टीम ने हजरतगंज स्थित ग्रेविटी कोचिंग में भी युवाओं की पल्मोनरी फंक्शन का टेस्ट किया. डॉ. तारिक ने युवाओं को उनके प्रश्नों को जवाब भी दिए और उनसे कहा कि वे स्मोकिंग छोड़ें साथ ही दूसरों को भी प्रेरित करें. हार्ट की करीब 48 परसेंट दिक्कतें स्मोकिंग के कारण हो रही हैं. डॉक्टर्स ने बताया कि सिगरेट किसी भी फार्म में हो यह बहुत खतरनाक है. इसे छोड़ दें अन्यथा आज नहीं तो कल कोई न कोई बीमारी जरूर होगी.

फिर भी मेरा फेफड़ा कमजोर ?

मैं स्मोकिंग नहीं करता फिर भी पीएफटी रिपोर्ट में लंग्स कमजोर कैसे हैं? मैं अभी कब तक सिगरेट पी सकता हूं? मैं तो पिछले कुछ माह से ही स्मोकिंग कर रहा हूं फिर मेरे लंग्स की रिपोर्ट खराब कैसे हो सकती है? जांच में मेरे फेफड़े कमजोर हैं क्या अभी से सिगरेट छोड़ने पर वे ठीक हो जाएंगे? कुछ ऐसे ही सवाल दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की एक्टिविटी पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट के दौरान लोगों ने डॉक्टर्स से किए. इन पर डॉक्टर्स ने सलाह दी कि स्मोकिंग के साथ ही पॉल्यूशन या फिर धुएं वाले वातावरण में या फिर पैसिव स्मोकिंग के कारण भी फेफड़े कमजोर हो सकते हैं. उन्होंने कहा जो स्मोकिंग नहीं छोड़ पा रहे हैं वे केजीएमयू के रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग में चलने वाली टोबैको सिसेशन क्लीनक में सलाह लें. यहां पर डॉक्टर्स और काउंसलर्स की टीम आपको स्मोकिंग छोड़ने में मदद करेगी. स्मोकिंग के दौरान 4 से 6 माह में ही आपके लंग्स कमजोर हो सकते हैं या फिर इसमें कई साल भी लग सकते हैं.

 

इनका रहा सहयोग

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की इस एक्टिविटी में सिप्ला से हरिओम सिंह, ऋषभ पांडेय, संदीप मिश्रा, अंकित जैन की टीम का खास सहयोग रहा.

जांच से पता चला कि युवाओं में स्मोकिंग की लत बढ़ रही है. यह बहुत खतरनाक है. इसके कारण 25 तरह के कैंसर और 40 प्रकार की बीमारियां होती हैं. जितनी जल्दी हो सके तंबाकू का सेवन किसी भी फार्म में हो इसे छोड़ देना चाहिए. अपने आप नहीं छोड़ पा रहे हैं तो रेस्पीरेटरी मेडिसिन में चलने वाली टोबैको सिसेशन क्लीनिक में आकर दिखा सकते हैं.

डॉ. सूर्यकांत, एचओडी रेस्पीरेटरी मेडिसिन, केजीएमयू

 

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की यह पहल सराहनीय है. डॉक्टर्स से बहुत महत्वपूर्ण जानकारी मिली. मैं भी अब लोगों और युवाओं को जल्द से जल्द स्मोकिंग छोड़ने के लिए प्रेरित करुंगा.

आबाद अली, रीजनल डायरेक्टर, पहल डिजाइन