कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। World Rose Day 2023 : कैंसर से जूझ रहे मरीजों की जिंदगी में 22 सितंबर का दिन बेहद खास है। कैंसर सबसे जानलेवा बीमारियों में से एक है जो दुनिया भर के लोगों को प्रभावित करती है। रोज डे (कैंसर रोगियों का कल्याण) कैंसर रोगियों की हिम्मत को सलाम करने और उनकी देखभाल करने वाले लोगों को समर्पित है। कनाडा की 12 वर्षीय मेलिंडा रोज को याद करने के लिए हर साल 22 सितंबर को वर्ल्ड रोज डे मनाया जाता है। कैंसर एक घातक बीमारी है, फिर भी कई कैंसर से बचे लोगों ने कैंसर से लड़ाई लड़ी है। कैंसर रोगियों की भावना को स्वीकार किया जाना चाहिए और उसकी सराहना की जानी चाहिए। रोज यानी कि गुलाब का फूल प्यार और खुशी का प्रतीक माना जाता है। इसलिए वर्ल्ड रोज डे के दिन कैंसर पीड़ितों को एक गुलाब का फूल देकर उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है। इसके साथ ही उन्हें एक प्यार व हिम्मत देने वाला एक मैसेज भी दिया जाता है कि बेशक कैंसर की लड़ाई वो अकेले लड़ रहे हैं, लेकिन सभी लोग उनके साथ है।

वर्ल्ड रोज डे की हिस्ट्री
मेलिंडा रोज को 1994 में ब्लड कैंसर का पता चला था, लेकिन उसने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी। वह अस्किन ट्यूमर से पीड़ित थी जो एक रेयर टाइप का कैंसर होता है। हालांकि मेलिंडा रोज ने हिम्मत नहीं हारी और एक वाॅरियर की तरह इस बीमारी से जंग लड़कर दुनिया भर के सभी कैंसर रोगियों के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है। मेलिंडा की लाइफ में एक पल वह भी आया था जब डॉक्टरों ने उसका साथ छोड़ दिया था, लेकिन उसने उम्मीद नहीं खोई। खास बात तो यह है कि हाइ लेवल की कीमोथेरेपी का दर्द झेलने के बावजूद, उसने स्कूल जाने पर जोर दिया। वह अपने आप को एक सामान्य बच्चे की तरह से रखने को कोशिश करती। नन्हीं सी जीवित बची बच्ची ने अन्य कैंसर रोगियों को खुश करने के लिए उन्हें पत्र, कविताएं, ईमेल आदि लिखने में समय बिताया। वह अन्य रोगियों के लिए प्रेरणा और खुशी का सोर्स थी। उसकी डेथ ने एक ऐसी विरासत छोड़ी जिसे आज भी वर्ल्ड रोज डे के रूप में याद किया जाता है।

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