- इन कोर्सेस को मार्च तक चिह्नित करके बोर्ड ऑफ स्टडीज से पास कराते हुए अंतिम रूप दिया जाएगा

LUCKNOW: डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) अपने यहां बायो साइंसेज के कोर्स भी शुरू करेगा। इसके लिए बीत दिनों हुए यूनिवर्सिटी की कार्य परिषद की बैठक में सदस्यों ने छात्रों के लिए उपयोगी नए कोर्सेस को अगले शैक्षिणक सत्र में शुरू करने की बात कही थी। इन कोर्सेस को मार्च तक चिह्नित करके बोर्ड ऑफ स्टडीज से पास कराते हुए अंतिम रूप दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी के सूत्रों का का कहना है कि इसमें बायो साइंसेज का कोर्स भी शामिल किया जाएगा। बायो साइंसेज में बायो मेडिसिन की पढ़ाई भी यूनिवर्सिटी अपने यहां शुरू करा सकता है।

नए कोर्सेस शुरू करने का विचार

एकेटीयू के सूत्रों का कहना है कि बायो साइंसेज के तहत यूनिवर्सिटी अपने यहां पर चार वर्षीय फुलटाइम पीजी डिप्लोमा कोर्स इन एनालिटिकल ऐंड मॉलिक्यूलर टेक्नीक्स, क्लीनिकल रिसर्च ऐंड मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स, बायोमेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी, बायोइंफोर्मेटिक्स ऐंड क्लीनिकल ट्रायल्स ऐंड डाटा मैनेजमेंट से संबंधित कोर्स की शुरुआत कर सकती है। एकेटीयू अपने कॉलेजों में स्टूडेंट्स का रूझान बढ़ाने के लिए विचार कर रहा है। इसलिए जिस तरह की डिमांड इस क्षेत्र में बढ रही है, उस अनुपात में भारत में ट्रेंड प्रोफेशनल्स की काफी कमी है। इसी को देखते हुए एकेटीयू ऐसे कोर्सेस को शुरू करना चाह रही है जो डिमांडिंग हो जिसमें अच्छी जॉब प्रॉच्यूनिटी का मौका हो।

पूल बनाकर स्टूडेंट्स एक दूसरे की करेंगे हेल्प

कार्यपरिषद ने संबद्ध कॉलेजों में हॉबी लैब स्थापित करने का भी निर्णय लिया है। इन लैबों में इंजीनियरिंग की सभी ब्रांच के साथ स्टूडेंट्स का पूल बनाकर इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। जैसे यदि किसी छात्र के पास कोई आईडिया है और उसे हकीकत में बदलने के लिए मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, आईटी सहित विभिन्न इंजीनियिरंग शाखाओं से इनपुट की जरूरत है तो सभी शाखाओं के स्टूडेंट मिलकर इस पर काम करेंगे। कई बार स्टूडेंट को पसंद की ब्रांच में प्रवेश नहीं मिल पाता और वह दूसरी ब्रांच चुनते हैं। हॉबी लैब के माध्यम से वह उस ब्रांच से जुड़े कोर्स भी कर पाएंगे जो उनकी पसंदीदा होगी।

आईआईटी प्रोफेसर्स चलाएंगे फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम

आईआईटी, एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के सहयोग फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाया जाएगा। इसके माध्यम से यूनिवर्सिटी के शिक्षकों के लिए उपयोगी कोर्सेस को अपनी आवश्यकतानुसार विकसित कराया जा सकेगा। इस प्रोग्राम में यूनिवर्सिटी के शिक्षकों को प्रशिक्षित व अपडेट किया जाना है। इसके साथ ही आवश्यकतानुसार ऑनलाइन कोसरें को भी मान्यता प्रदान करने का फैसला एकेटीयू ने लिया है।