कचहरी में लापरवाह पुलिस ने अस्पताल को बना दिया किला, परिजन भी नहीं मिल सके

इलाज कर रहे डॉक्टर भी पुलिस के डर से कुछ बोलने को तैयार नहीं, दो दिन बाद होगी हाथ-पैर की सर्जरी

ALLAHABAD: कचहरी में शुक्रवार को लापरवाह पुलिस शनिवार को इतनी तेज हो गई कि यशलोक अस्पताल को ही किला बना दिया। बाइक चोरी के आरोप में पुलिस कस्टडी में रिमांड के लिए जिला कोर्ट लाए गए प्रवीण प्रजापति ने खुद को निर्दोष बताते हुए पुलिस पर फंसाने का आरोप लगाते हुए तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी थी। इससे अब पुलिस की छवि उसके बयान पर तय हो गई है। इसलिए अब पुलिस उससे अन्य किसी की तो बात ही छोडि़ए उसके परिजनों से भी मिलने नहीं दे रही है। डॉक्टरों की मानें तो चोट उसे काफी अधिक और अंदरूनी लगी है। इसलिए अब उसे हॉस्पिटल में लंबा बिताना पड़ सकता है।

दो दिन बाद होगी सर्जरी

यशलोक हॉस्पिटल के डॉक्टरों का कहना है कि प्रवीण के पैर और रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर है। इसकी सर्जरी दो दिन बाद की जाएगी। अभी उसकी हालत को स्टेबल किया जा रहा है। उसे आईसीयू वार्ड में एडमिट किया गया है। शनिवार को प्रवीण को चार यूनिट खून चढ़ाया गया। उधर, परिजन उससे मुलाकात की आस में इधर-उधर भटकते रहे।

अभी नही पहुंचे माता-पिता

कटरा के माधवकुंज में रहने वाले प्रवीण के माता-पिता बिहार के बेगूसराय से शनिवार शाम तक इलाहाबाद नहीं पहुंच सके थे। बड़े भाई चंदन का कहना है कि किसी तरह प्रवीण का इलाज हो जाए, इससे अधिक परिवार को कुछ नही चाहिए। उधर, हास्पिटल के आईसीयू वार्ड के बाहर पुलिस तैनात रही। प्रवीण को कड़ी अभिरक्षा में रखा गया है। परिजनों का आरोप है कि उनका मोबाइल भी पुलिस ने जमा करा लिया है।

सख्ती खड़े कर रही कई सवाल

आखिर प्रवीण ने अचानक कचहरी में तीसरी मंजिल से छलांग क्यों लगाई?

वह खुद को निर्दोष बता रहा था तो पुलिस ने जांच की बजाए उसे मुल्जिम क्यों बनाया?

पुलिस आखिर किस डर से उससे किसी को मिलने नहीं दे रही?

उसके साथ जो अन्य आरोपी पकड़े गए हैं, क्या उन्होंने प्रवीण को फंसाया है?

क्या इसके पहले भी किसी मामले में प्रवीण का नाम आया है?

गुरुवार को पुलिस ने घर से उठाया था तो गिरफ्तारी शुक्रवार को क्यों दिखाई?

तीसरी मंजिल से गिरा है लड़का। इससे उसके पैर और रीढ़ में फैक्चर है। दो दिन तक उसे स्टेबल किया जा रहा है। इसके बाद ही सर्जरी की जाएगी। उम्मीद है कि वह स्वस्थ हो जाएगा।

डॉ। कपिल कुलश्रेष्ठ,

यशलोक हॉस्पिटल