पार्टी में शामिल होने के फ़ैसले पर आशुतोष ने कहा, "इतिहास में कुछ ऐसे क्षण होते हैं, जब आपको निर्णायक भूमिका निभानी होती है. उस वक़्त आप शांत बैठ गए या तटस्थ हो गए, तो इतिहास आपको माफ़ नहीं कर सकता है.''

उनका कहना था, ''आज हिंदुस्तान अपनी तबीयत से, अपने मिज़ाज से पूरी तरह बदलने के लिए बेताब है. मेरे मन में यह सवाल था कि ऐसे हालात में मैं कब तक तटस्थ या निरपेक्ष रह सकता हूँ?"

"ये निर्णायक क्षण है और मैं तटस्थ नहीं बैठ सकता था इसलिए मैं आप में शामिल हुआ."

'मैं अवसरवादी हूं'

पार्टी की जीत के बाद उसमें शामिल होना क्या अवसरवादिता नहीं है? इसके जवाब में आशुतोष ने कहा कि मैं अवसरवादी हूँ. इतिहास ने मुझे अवसर का फ़ायदा उठाने का दिया है, तो मैं उठा रहा हूँ.

चुनाव लड़ने के सवाल को टालते हुए आशुतोष ने कहा, ''मैं पार्टी में अभी शामिल हुआ हूं. इस बारे में पार्टी को फ़ैसला लेना है. अभी मैं पार्टी में आम कार्यकर्ता के रूप में शामिल हुआ हूं और इसी भूमिका में काम करूंगा.''

आशुतोष ने यह भी कहा कि सिर्फ चुनाव लड़ना ही राजनीति नहीं है.

हां,मैं मौक़ापरस्त हूं: आशुतोष

संपादक रहते हुए अपनी रिपोर्टिंग में पक्षपातपूर्ण रवैया रखने के सवाल को जायज़ ठहराते हुए आशुतोष ने कहा कि सभी पत्रकार किसी न किसी विचारधारा से जुड़े होते हैं.

''कुछ अख़बार और टीवी चैनल ऐसे हैं, जो खुले रूप से बीजेपी या कांग्रेस के साथ जुड़े हैं. मेरी भी एक विचारधारा है, लेकिन अपनी पत्रकारिता में कभी भी पक्षपात नहीं किया और न कभी इसे प्रभावित करने की कोशिश की है.''

पार्टी की विचारधारा के सवाल पर आशुतोष ने कहा कि आम आदमी पार्टी सत्ता को आम आदमी तक पहुँचाना चाहती है और यही पार्टी की विचारधारा है.

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