- गढ़वाल यूनिवर्सिटी में योग डिपार्टमेंट में हैं डॉ। विनोद नौटियाल व डॉ। रजनी नौटियाल

- महज 24 साल की उम्र में ही पूना के लोनावाला से डिग्री लेकर कर दी थी योग की शुरुआत

>DEHRADUN: गढ़वाल यूनिवर्सिटी में डॉ। विनोद नौटियाल व डॉ। रजनी नौटियाल की योग दंपत्ति के तौर पर पहचान है। वर्ष 1998 से लेकर अब तक लगातार 21 वर्षो तक दोनों ने योग के प्रमोशन को लेकर भरसक प्रयास किए हैं। यह वजह है कि उनके नाम दर्जनों सम्मान के साथ देश-दुनिया में योग प्रशिक्षण के एक्सपीरियंस हैं। गत माह में उन्हें थाईलैंड में योगा फेस्टिवल के लिए स्पेशल आमंत्रण मिला था, जहां उन्होंने 24 देशों के प्रतिनिधित्वों को योग के टिप्स दिए। फिलहाल उनका पूरा परिवार योग के क्षेत्र में अलख जगा रहा है। इसलिए उनकी पहचान बतौर योगा फैमिली के तौर पर भी है।

योग दंपत्ति व योग फैमिली के तौर पर है पहचान

डॉ। रजनी नौटियाल व डॉ। विनोद नौटियाल ने महज 24 की उम्र में पूना के लोनावाला में कैवल्यधाम स्वास्थ्य और योग अनुसंधान केंद्र से 1996 में कोर्स पूरा किया। उसके बाद 1998 में दोनों ने श्रीनगर पहुंचकर योगा को पहचान दिलाने की कोशिश की। ग‌र्ल्स व ब्वॉयज को मोटिवेट किया। घर-घर जाकर 10-10 का ग्रुप बनाकर योग के लिए जागरुक किया। सिलसिला दून, ऋषिकेश, दून जिला कारागार, सचिवालय, दून डीएवी कॉलेज, व्यासी व श्रीनगर सहित तमाम शहरों तक चलता रहा। उसके बाद श्रीनगर गढ़वाल यूनिवर्सिटी में भी शुरुआत हुई तो डॉ। विनोद नौटियाल व डॉ। रजनी नौटियाल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। खास बात यह है कि योग के क्षेत्र में उनकी महारत को देखते हुए चाइना से हर वर्ष योग सीखने के लिए ग्रुप्स पहुंच रहे हैं। अब तक उनके पास से 7 ग्रुप्स योग के टिप्स लेकर वापस जा चुके हैं। उनसे योग का प्रशिक्षण लेकर गए योग साधक देश-विदेशों में योग का न केवल प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, बल्कि योगा उनकी आजीविका का प्रमुख साधन भी बना हुआ है। योग दंपत्ति के तौर पर पहचान पाने वाले डॉ। विनोद नौटियाल व डॉ। रजनी नौटियाल कहते हैं कि शुरुआत में योग को पहचान दिलाना किसी चैलेंज से कम नहीं रहा। दोनों की ओर से अब तक योगा के क्षेत्र में 100 से अधिक कैंप लगाए जा चुके हैं। गढ़वाल यूनिवर्सिटी को योग के क्षेत्र में बेहतरीन परफॉरमेंस के लिए गोल्ड मैडल भी दिला चुके हैं।

योग की धारा उत्तराखंड से प्रभावित: सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इंटरनेशनल योगा डे पर प्रदेशवासियों को बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। कहा, नियमित योग हमें मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाने में मददगार रहता है। योग को जनआंदोलन बनाने के लिए आम आदमी का पार्टिसिपेशन जरूरी है। योग की धारा देवभूमि उत्तराखंड से प्रवाहित हुई है। सीएम ने कहा कि योग भारतीय सभ्यता, संस्कृति व जीवन शैली का अभिन्न अंग रहा है। पीएम के सार्थक प्रयासों से योग को इंटरनेशनल लेवल पर मान्यता मिलना देशवासियों के लिए गर्व की बात है। योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर ही हम स्वस्थ भारत की कल्पना कर सकते हैं। स्वस्थ भारत के लिए योग को गांव-गांव, घर-घर तक पहुंचाने की जरूरत है। सीएम ने अपील की है कि योग दिवस के अवसर पर जहां कहीं भी योग कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं, सामूहिक रूप से इन योग कार्यक्रमों में पार्टिसिपेट करें।